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अद्भुत

21 नवम्बर 2021

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मैंने देखा है
गुमसुम 
डरी सहमी
सिमटी सी
लडकी को
उम्मीद भरी
नजरों से
दुनिया को
ताकते हुए
देखा है मैंने
उसका
हौसला जज्बा
मेहनत लगन को
पहाड जैसी
जिन्दगी को
चीरते हुए
देख रहा हूं
उसकी
खिलखिलाहट
इरादा और खूबियां
न रूके कदम
न डिगा मन
अंधेरों से 
लडते हुए
खूबसूरत 
रास्ते पर 
आते हुए।
आश्चर्य अद्भुत
शाबाश.

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