shabd-logo

हम भी जिद के पक्के है

13 मार्च 2015

377 बार देखा गया 377
क्या बात करें किससे बात करें जब किसी ने सुनना ही नहीं है तो कितना भी विरोध प्रदर्शन कर लो, कुछ नहीं होने वाला लेकिन इतना तो जानते ही है वक्त किसी का नहीं होता. आज उनका तो कल हमारा कर लीजिये कितने भी जुल्म। अभी वक्त तुम्हारा है। हम भी जिद के पक्के है, इस गुस्से को शांत नहीं होने देंगे। भरोसा है अपने पर, बदलेगा वक्त जरुर आज नहीं तो कल, जवाब तो देना होगा अभी तो यह आगाज़ है, अंजाम बाकी है कदम अब उठ चुके मंजिल की ओर नहीं रुकेगे किसी के रोकने से हर जुल्म का हिसाब लेगें हम अब नहीं होने देंगे मनमानी क्योंकि अब हम भी जागे है हम भी जिद के पक्के है, इस गुस्से को शांत नहीं होने देंगे।

अन्य डायरी की किताबें

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए