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अधरों की अबीर ...

20 दिसम्बर 2024

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बहर-ए-हिन्दी मुतकारिब इसरम मक़बूज़ महज़ूफ़

फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन

2222222222

अधरों की अबीर ...

#

कोई मोहब्बत की तकदीर तो लिख दे

हर जुबां पे हद मीठी खीर तो लिख दे

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सबने माथे गाल पे क्या- लिख डाला 

आकर अधरों की अबीर तो लिख दे

#

हूँ दस्तबस्ता मै शहर में अकेला

पैरों बदनामी ज़ंजीर तो लिख दे

#

दस्तबस्ता = बंधे हाथ

खुश हैं  लोग आग लगाके बस्ती में

मौला इनके हिस्से पीर तू लिख दे

#

मेरी सलामती  दुआ मांगी सबने

मेरे नाम अपनी जागीर तो लिख दे

#

यहाँ बुतपरस्ती है हराम मुझको

मन आंखें देखूं तस्वीर तो लिख दे

#

मेरे  कद को छोटा करने वाले सुन

मुझ से बड़ी कोई लकीर तो लिख दे

#

सुशील यादव दुर्ग

7000226712

20.12.24

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बहर-ए-हिन्दी मुतकारिब इसरम मक़बूज़ महज़ूफ़ फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन फ़ेलुन 2222222222 अधरों की अबीर ... # कोई मोहब्बत की तकदीर तो लिख दे हर जुबां पे हद मीठी खीर तो लिख दे # सबने माथे गाल पे क्या-

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