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आज का सबक

28 जुलाई 2022

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कक्षाशिक्षक रोज़ की तरह कक्षा में आये और उन्होने विद्याथियो को इतिहास पढ़ाया उस दिन भी कक्षा में अध्ययन के समय मे उस शैतान लड़के ने अपनी शरारत जारी रखी हालांकि कक्षा शिक्षक ने हर तरीके से उस लड़के को समझाने की कोशिश कर चुके थे अंत मे हारकर कक्षा शिक्षक ने उस विद्यार्थी के बारे में प्राचार्य जी को बतलाया जब प्राचार्य जी को इस बात का पता चला तो पहले उन्होंने लड़के से सम्बधित सारी बाते सुनी और कक्षा शिक्षक से विन्रमता पूर्वक कहा उस एक कक्षा के कारण सारे स्कूल के अनुशासन पर फर्क पड़ता हैं कल आपकी कक्षा में सबसे पहले मैं जाना चाहुगा प्राचार्य ने कहा मगर वो विद्यार्थी बातों से मानने वाला कक्षा दी कक्षा शिक्षक ने कहा आप संयम रखिये वो विद्यार्थी कल के बाद शरारत नहीं करेगा।
दूसरे दिन प्राचार्य महोदय ने उस कक्षा में प्रवेश किया विद्यार्थियों ने खड़े होकर उनका अभिवादन किया इसके पश्चात प्राचार्य ने उन्हें कुछ ज्ञान और अनुशासन की बाते समझाई और उस विद्यार्थी को खड़े होने को कहा जिसकी शरारत उस समय चर्चा में थी प्राचार्य जी ने लड़के को गौर से देखा और कहा तुम्हारी बेहद शिकायते आयी हैं और उन्ही शिकायतों के कारण आज मुझे तुम्हारी कक्षा में आना पड़ा अब ये तुम्हारी आख़री शिकायत हैं आज के बाद यदि तुम्हारी दोबारा कोई भी शिकायत मेरे पास आई तो तुम्हे मैं उसी समय टीसी दे दूंगा और आज तक बाकी सारे विषयों का जितना भी पढ़ाया गया हैं उन विषयो की सारी कॉपिया पूर्ण की होगी तुमने वो कॉपियां मुझे चेक करनी हैं इसलिए सारे विषयों की कॉपी जमा करें सभी विद्यार्थी ने कॉपी जमा की प्राचार्य जी सभी की कॉपी ऑफिस में भिजवा दी और उस लड़के फिर से चेतावनी देते हुए कहा की अगली क्लास तक तुम्हारी कोई शिकायत नही आनी चाहिए। फिर कुछ दिन तक कक्षा में कोई शैतानी नहीं हुई सबकुछ बराबर समय के अनुसार चलता रहा । फिर एक उसी शैतान विद्यार्थी की शिकायत आई और शिकायत प्राचार्य महोदय तक पहुंच गई प्राचार्य महोदय फिर उस दिन उनकी कक्षा में कदम रखा - और आते ही अपना विषय के बारे में पढ़ाया और फिर उस लड़के से कहा मेरा दंड देने का तरीका बहुत अलग हैं मैं किसी को भी शारिरिक चोट नहीं पहुंचाता इसलिये मेरा तुमसे एक सवाल हैं जिसका जवाब तुम्हे देना होगा , लड़के से सहमति में अपना सिर हिलाया प्राचार्य जी ने पूछा- कि तुम किस तरह से और कितना विश्वास किया जाये विद्यार्थी थोड़ी देर तक शांत रहने के पश्चात बोला जितनी एक आँख दूसरी आँख पर करती हैं प्राचार्य ने कहा तुम एक आँख से दूसरी आँख पर विश्वास करने की बात करते हो, मैं तुम्हारी आँखों की पलक पे जितने बाल हैं उन में से एक बाल के बराबर विश्वास करता हूं जब मैं तुम इतना पतला(महीन) विश्वास कर सकता हूं तो क्या तुम्हारा विश्वास इतना छोटा है कि वो अपने आपको पूर्ण रूप से व्यस्थित नही कर पाता वो सिर्फ अनुशासन हीनता और शरारत को ही उपलब्ध होता हैं क्या तुम्हारी विद्यार्थी होने की यही पहचान हैं, क्या तुम्हारे विश्वास और मन अपने आदर्श और अनुशासन के लिए नहीं हैं बताओ जवाब दो इस बात का ?
प्राचार्य के इतना कहते ही उस विद्यार्थी का सर नीचे झुक गया और उसने उनसे क्षमा माँगी और एक बात कही सर मार्गदर्शन देनेवाला कोई मिलता नही हमारे समाज मे सब स्वार्थ के तले दबे कुचले रहते हैं आप जैसा शिक्षक अगर मिलते रहे तो मैं अपना जीवन निसार करदूँ अपना इतना कहते कहते उसकी आँखों मे पानी था और गलती का पूरा एहसास उसकी आँखों से उतर रहा था प्राचार्य ने उसे अपने पास बुलाकर आशीर्वाद दिया उसके बाद से कक्षा मिसाल बन इंसानियत और अच्छाई की।

अजय निदान
सर्वाधिकार सुरक्षित 
9630819356

काव्या सोनी

काव्या सोनी

Shandar prastuti 👌👌

15 अगस्त 2022

रिया सिंह सिकरवार " अनामिका "

रिया सिंह सिकरवार " अनामिका "

बहुत बहुत बहुत सुंदर प्रस्तुति 🙏🏻🤗👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻👌🏻✍🏻

31 जुलाई 2022

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रचनाएँ
नैतिकता
5.0
इस किताब में सारी रचनाये मेरी स्वयं की हस्तलिखित और मौलिक हैं इसमें जिंदगी के सारे अनुभवो को दर्शाने की पूरी कोशिश की हैं, हर शब्दों में अपना दर्द और जिंदगी के नये -नये सोच के आयामो को पेश करने की कोशिश की हैं मैंने अब बाकी तो आप लोग ही पढ़कर सटीक विवेचना कर सकते हैं l
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जीवन

14 अगस्त 2022
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आजकल की जीवन के जीने की रफ़्तार बहुत तेज हो गई हैं लोग कुछ भी नही सोचते किसी के बारे सिन्हा जी रोज़ की तरह आज फिर अपनी गाड़ी से ऑफिस के लिए जा रहे थे रास्ते मे ट्रैफीक था इसलिए वो गाड़ी थोड़ी धीरे चला रहे

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अहिंसा और नैतिकता

14 अगस्त 2022
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ये कहानी हैं एक छोटे से बच्चे की हिम्मत की हैं जिसने स्कूल का परिवेश बदल दियाजिसका नाम सनी हैं जो कि नवमी कक्षा में पढ़ता है और कराते में बहुत माहिर हैं पर ये बात किसी को भी इस नये स्कूल में नही पता थी

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