shabd-logo

जीवन

14 अगस्त 2022

23 बार देखा गया 23
आजकल की जीवन के जीने की रफ़्तार बहुत तेज हो गई हैं लोग कुछ भी नही सोचते किसी के बारे सिन्हा जी रोज़ की तरह आज फिर अपनी गाड़ी से ऑफिस के लिए जा रहे थे रास्ते मे ट्रैफीक था इसलिए वो गाड़ी थोड़ी धीरे चला रहे थे अचानक एक 18 19 साल का लड़का उनकी गाड़ी के सामने आकर गिरा उन्होंने तुरंत गाड़ी में ब्रेक लगाया , उसे कुछ लड़के मार रहे थे सिन्हा उसे अपनी तरफ खीचा और अपनी गाड़ी में से डंडा निकाला सामने वाले लड़के अबे हट जा सामने से जैसे ही उसने हाथ घुमाया सिन्हा अपना हाथ घूमा कर मारा सीधे उसके हाथ पर अगले ही पल उसके पीछे खड़े लड़के डर के मारे पीछे हट गये अगर कोई और आगे बढ़ा सभी की हड्डियाँ तोड़ दूँगा सब वहाँ से चले गये।
सिन्हा उस लड़के को अपने साथ लेकर गये और मरहम पट्टी करने के बाद बोले- क्यों मार रहे थे वो लोग तुमको ?
लड़का - सर मेरा नाम अजितेश हैं मैं यहां इनके साथ ही कॉलेज में पढ़ता हूँ और कॉलेज के बाद ट्यूशन लेता मेरे पास कॉलेज की अधिकांश लड़कियाँ पढ़ने आती हैं अब इसमें मेरा क्या कसूर हैं पता ये लोग  मुझे काफी दिनों से टयूशन पढ़ाने नही दे रहे हैं मैं अपना और घर का खर्चा कैसे चलेगा सर जी
सिन्हा - तुम कहाँ पर लेते हो ट्यूशन क्लास ,
अजितेश - राम नगर में मोना कोचिंग के नाम से है मेरी किराये की शॉप हैं।
ठीक कल से तुम वही पढ़ाओगे मै देखता हूँ तुम्हे कौन रोकता हैं सिन्हा जी बोले।
दूसरे दिन अजितेश ने अपना ट्यूशन सेंटर ओपन कर पढ़ाना शुरू कर दिया सुबह ही उसने देखा उसके दुकान के आसपास कुछ लोग सिविल ड्रेस में घूम रहे थे,
उस मोहल्ले के ठीक पीछे वाली गली में वही लड़का अपने ग्रुप के साथ मोना कोचिंग को जलाने की बात कर रहा था जिस जगह पर वो बात कर रहा रहा थोड़ी दूरी पर कोई उनकी सारी बात सुन रहा था कोई बहुत ही मैले खराब कपड़े पहनकर जैसे उनका ग्रुप वहाँ से हटा उनके पीछे एक आदमी लग गया था,
इधर सिन्हा का फोन बजा - दूसरी तरफ से सारी बात सिन्हा जी ने सुनी और कहा सभी उठा लेना और अपने घर के पास वाले गोदाम में लेकर आना
इनकी चर्बी उतारने में बड़ा मजा आयेगा। दूसरी तरफ से यस सर की आवाज़ के साथ फोन कट गया।
अजितेश सिन्हा जी के घर पहुंचा और अपनी बहन मोना को भी साथ लेकर गया था उसके पैर छूकर बोला - बहुत आभारी हूँ सर आपका आजकल के ज़माने में लोग किसी के लिए कुछ नही करना चाहते आपने मुझे और मेरी सच्चाई को पहचान कर मेरी मदद कर रहे हैं,
सिन्हा जी दोनों को आशीर्वाद देते हुये कहा - मेरी सूचना के आधार पर कोई एक लड़का जी तुम्हारे बहन के पीछे पड़ा, सीधी सी बात हैं चाहता होगा वो इसे। मगर तुम्हारी बहन बिल्कुल ही इसमे कही इन्वाल्व नहीँ हैं क्योंकि मैंने जितनी भी पूछताछ की किसी ने भी तुम्हारी बहन या तुम्हारे बारे कोई भी बुरी बात नही कही, तभी मैं समझ गया की कोई बड़े बाप की बिगड़ी हुई औलाद हैं इसके पीछे।
अजितेश - हाँ सर यही बताने के लिए आया हूँ आपके पास मुझे इसे संभालना हैं इस वक़्त मै ही इसका सबकुछ हूँ,मोना जी बहुत खूबसूरत और गोरी सी लंबे बाल बड़ी सी आँखे और बिल्कुल ही भोली सी ,उसकी कॉलेज की पढ़ाई हो चुकी थी।
अजितेश जल्द ही उसकी शादी के लिए चिंतित था,
मोना -सिन्हा जी मेरे और मेरे भाई को कुछ होगा तो नही न , 
सिन्हा जी- नही बेटा तू मत सोच ज़्यादा एक बार जी सिन्हा की शरण मे आ गया तो फिर उसकी सारी ज़िम्मेदारी हमारी। 
दूसरे दिन भी कोई हलचल नही हुई मोना कोचिंग में सबकुछ यथावत चलता रहा और सिन्हा जी अपनी पूरी ज़िम्मेदारी कोई सही ढंग से अंजाम दिया और वही छात्र  आगे जाकर  जिले की कलेक्टर बन गयी और सबसे पहले ईनाम  ज़ब उसे मिला तो उसने सिन्हा जी स्टेज पर बुलाया और उनके चरण  हुये  और  सबको बताया  उनके बारे में सभी भाव विभोर हो गए  और जीवन फिर से चल  पड़ा अपनी गति से नये सफऱ के लिए.

अजय  निदान
सर्वाधिकार सुरक्षित
9630819356

3
रचनाएँ
नैतिकता
5.0
इस किताब में सारी रचनाये मेरी स्वयं की हस्तलिखित और मौलिक हैं इसमें जिंदगी के सारे अनुभवो को दर्शाने की पूरी कोशिश की हैं, हर शब्दों में अपना दर्द और जिंदगी के नये -नये सोच के आयामो को पेश करने की कोशिश की हैं मैंने अब बाकी तो आप लोग ही पढ़कर सटीक विवेचना कर सकते हैं l
1

आज का सबक

28 जुलाई 2022
7
3
2

कक्षाशिक्षक रोज़ की तरह कक्षा में आये और उन्होने विद्याथियो को इतिहास पढ़ाया उस दिन भी कक्षा में अध्ययन के समय मे उस शैतान लड़के ने अपनी शरारत जारी रखी हालांकि कक्षा शिक्षक ने हर तरीके से उस लड़के को समझा

2

जीवन

14 अगस्त 2022
3
1
0

आजकल की जीवन के जीने की रफ़्तार बहुत तेज हो गई हैं लोग कुछ भी नही सोचते किसी के बारे सिन्हा जी रोज़ की तरह आज फिर अपनी गाड़ी से ऑफिस के लिए जा रहे थे रास्ते मे ट्रैफीक था इसलिए वो गाड़ी थोड़ी धीरे चला रहे

3

अहिंसा और नैतिकता

14 अगस्त 2022
4
2
2

ये कहानी हैं एक छोटे से बच्चे की हिम्मत की हैं जिसने स्कूल का परिवेश बदल दियाजिसका नाम सनी हैं जो कि नवमी कक्षा में पढ़ता है और कराते में बहुत माहिर हैं पर ये बात किसी को भी इस नये स्कूल में नही पता थी

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए