shabd-logo

अनसुलझी निम्मी की कहानी

16 अक्टूबर 2022

65 बार देखा गया 65


article-image

नमस्कार दोस्तों मेरा नाम है मधुलिका गोयल और आज मैं फिर हाजिर हूं आपके सामने जिंदगी की सच्ची घटना को लेकर दोस्तों यह कहानी एक ऐसी लड़की की है जिसने  कम उम्र में अपने पिताजी को खो दिया था उस समय वह लड़की स्कूल में थी उस लड़की का नाम है निम्मी निम्मी मेरे साथी स्कूल में पढ़ा करती थी हम काफी अच्छे दोस्त थे हमारे साथ हमारी बेस्ट फ्रेंड उपासना भी थी स्कूल टाइम में हम लोग पक्की दोस्त हुआ करते थे जब मेरा सातवीं कक्षा में दाखिला हुआ था सबसे पहले मेरी दोस्ती निम्मी से हुई थी मैं जब जब निम्मी से बोलती थी कि एक बार तेरे घर मुझे चलना है|  कभी कोई प्रॉब्लम हुई तो कम से कम मैं तेरे घर आ सकती हूं तुझे देखने के लिए निम्मी कोई ना कोई बहाना करके मुझे मना कर देती थी घर के लिए एक बार की बात है मैंने निम्मी से बोला आज मैं तेरे घर जाकर ही रहूंगी मुझे तेरा घर देखना है | तब निम्मी ने  बोला कि ठीक है आज मैं तुझको अपने घर लेकर चलूंगी लेकिन मुझसे एक वादा करो कि वहां जो कुछ तुम देखोगी और सुनोगी किसी से कुछ मत बोलना मैंने बोला ठीक है मैं किसी से कुछ नहीं बोलूंगी निम्मी मुझको अपने घर लेकर गई वहां उसकी मम्मी थी उसकी एक छोटी बहन थी छोटा भाई था और एक बड़ा भाई था उसके पापा भी थे उसके पापा ने शराब पी रखी थी निम्मी के पापा सुनार का काम करते थे जैसे ही निम्मी घर गई उसके पापा ने उसको अचानक से गंदी गंदी गालियां देना शुरू कर दिया मुझको तो 1 मिनट के लिए कुछ समझ में ही नहीं आया कि हो क्या रहा है निम्मी की गलती क्या है निम्मी ने मुझसे बोला तुम अंदर चलो हम लोग अंदर चल कर बातें करते हैं|  मैं और निम्मी अंदर वाले रूम में चले गए वहां निम्मी की मम्मी आई और मुझसे बातें करने लगी मैं भी उनसे बातें कर रही थी थोड़ी देर बाद मैंने उसकी मम्मी से बोला आंटी मैं अब घर जा रही हूं मेरी मम्मी मेरा इंतजार कर रही होंगी उसकी मम्मी से नमस्ते बोल कर मैं वहां से चली गई लेकिन पूरे रास्ते मैं यही सोचती रही कि निम्मी के पापा ने उसको घर के अंदर आने से ही पहले गालियां देना क्यों शुरू कर दिया मैं अपने घर गई हाथ मुंह धोकर खाना खाकर अपना स्कूल का काम करने लगी दूसरे दिन मैं निम्मी के घर गई सुबह वहां मैंने निम्मी से बोला  अब हम साथ में ही स्कूल जाया करेंगे निम्मी ने मुझसे रास्ते में बोला कल जो भी कुछ हुआ उसको भूल जाना और दिमाग से निकाल देना मैंने बोला दिमाग से तो मैं निकाल दूंगी लेकिन मेरे दिमाग में कुछ प्रश्न है जिसका उत्तर तुमको देना ही होगा मम्मी ने बोला पूछो क्या बात है मैंने बोला अचानक से तेरे पापा गालियां क्यों दे रहे थे मुझ को तो कुछ समझ में ही नहीं आ रहा था मम्मी बोली यह अभी से नहीं है मैं बहुत छोटी थी तब से पापा ऐसे ही हैं शराब पी लेते हैं उसके बाद गालियां देते हैं गाली देते समय वह ना ही घर देखते हैं और ना ही बाहर बस गालियां देते हैं  निम्मी के पापा को शराब और गुटके की आदत थी धीरे-धीरे समय निकलता गया मैं और निम्मी 12वीं कक्षा में आ गए थे निम्मी ने दूसरे स्कूल में दाखिला ले लिया था इस बीच निम्मी और मेरी बातचीत भी थोड़ी कम हो गई थी मैं अपने 12वीं की परीक्षा की तैयारी कर रही थी परीक्षा पूरी होने के बाद मैं 1 दिन निम्मी के घर गई वहां पर ताला लगा हुआ था लोगों से मैंने पूछा तो लोगों ने बताया कि वह लोग कहां गए हैं किसी को कुछ बताकर नहीं गए मैं वहां से चली गई मैंने निम्मी को काफी बार फोन भी किया लेकिन उसका नंबर हर बार बंद ही बताता था काफी समय निकलता गया मैं अब कॉलेज में आ चुकी थी कॉलेज की परीक्षा देकर मैंने अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी कर ली थी अब मैं पॉलिटेक्निक कर रही थी मेरा फर्स्ट ईयर था एक दिन मैं अपने फोन पर कुछ काम कर रही थी अचानक से एक नंबर से मुझको कॉल आया मैंने रॉन्ग नंबर समझकर कॉल कट कर दी उसी नंबर से 6 बार मेरे पास कॉल आया मैंने सोचा एक बार उठा कर देखती हूं कहीं मेरी जान पहचान का तो नंबर नहीं है मैंने रिसीव किया कॉल तो आप लोग यकीन नहीं करेंगे वह कॉल निम्मी की थी|  मैंने बोला निम्मी उसने बोला हां मधुलिका मैं बोल रही हूं मैंने बोला कहां चली गई थी इतने साल हो गए तुमको देखे हुए तुम्हारा ना ही नंबर लगता है और ना ही तुम अपने घर पर हो काफी बार मैं तुमसे मिलने तुम्हारे घर पर गई थी वहां ताला लगा था पड़ोसियों से पूछा तो उन्होंने बोला हम को नहीं पता वह लोग किसी को बताकर नहीं गए हैं निम्मी ने मुझसे बोला मधुलिका मुझको तुमसे मिलना है और मैं अपने घर वापस आ गई हूं मैंने बोला ठीक है मैं तुमसे मिलने आऊंगी जल्दी  3 दिन बाद रविवार था मैं निम्मी से मिलने उसके घर गई निम्मी ने मुझको सबसे पहले गले लगाया फिर वह बोली मधुलिका बहुत कुछ बदल चुका है मेरी लाइफ में मेरी लाइफ में अब कुछ नहीं बचा है मैंने बोला क्या हुआ मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है साफ-साफ बोलो अचानक मेरी नजर सामने वाली दीवाल पर पड़ी वहां निर्मल के पिताजी की तस्वीर लगी थी उस तस्वीर पर माला चढ़ी हुई थी मैंने निर्मल से बोला यह कब हुआ निर्मल बोली पापा नहीं रहे अब इस दुनिया में मैंने बोला क्या हुआ था वह बोली पापा शराब और गुटखा ज्यादा खाते थे 1 दिन की बात है पापा को मुंह में छाला हो गया हम लोग डॉक्टर के पास दिखाने गए तो डॉक्टर ने बोला इनको कैंसर हो गया है एडमिट करवा दो जल्दी से जैसे ही हम लोगों ने उनको एडमिट करवाया ऑपरेशन के लिए थोड़े पैसे कम पड़ रहे थे मैं घर आई मैंने अपने चाचा जी से पैसे मांगे तो उन्होंने साफ साफ मना कर दिया इतने में हॉस्पिटल से मेरी मम्मी ने कॉल किया मुझे और बोला जल्दी आ जाओ पापा बहुत सीरियस है मैं जैसे ही पापा के पास गई डॉक्टर ने बोला पैसों का इंतजाम हो गया है मैंने बोला नहीं थोड़ी देर बाद पापा ने अपना दम तोड़ दिया हॉस्पिटल में मैंने बोला यार यह तो बहुत गलत हुआ अगर तेरे चाचा पैसे दे देते तो आज अंकल का ऑपरेशन सही से हो जाता निर्मल रो रही थी मैंने उसको बोला जो हुआ सो हुआ अब यह बताओ कि इतने साल तुम थी कहां  निम्मी बोली पापा की डेथ के बाद मेरी शादी के लिए रिश्ते आने लगे मैं भी ग्रेजुएशन कर रही थी फर्स्ट इयर था मेरा पहला रिश्ता मुझको पसंद नहीं आया था दूसरा रिश्ता बिहार से आया था मेरी मौसी ने रिश्ता बताया था मम्मी भी परेशान थी मैंने मम्मी की वजह से शादी कर ली शादी होते ही सब सही चल रहा था वहां मैं भी धीरे-धीरे कॉम्प्रोमाइज कर रही थी 1 साल बाद अचानक से सब चीजें चेंज होने लगी मेरा हस्बैंड रात में घर ही नहीं आता था एक महीना ऐसे ही चलता रहा मैंने अपनी सास से बोला तो मेरी सास बोली मुझको नहीं पता तेरा पति है तू जाने मेरे कुछ समझ में नहीं आ रहा था मैंने 1 मिनट के लिए सोचा कि मैं घर पर फोन कर के बोलूं यह बात लेकिन दिमाग में था कि मेरी मां तो पहले से ही बहुत परेशान है मैं और परेशान नहीं कर सकती उनको 1 दिन की बात है मैं रात भर जागती रही उनका इंतजार करती रही सुबह जैसे ही वह आए मैंने उनसे बोला क्या चल रहा है यह सब रात रात भर आप होते कहां पर है तो उन्होंने मुझ को गालियां देना शुरू कर दिया और मुझ को मारा एक दिन तो हद ही हो गई मैं खाना बना रही थी मैंने खाना दिया तो बोलने लगे मुझसे कि इसमें नमक कम है तुमको क्या खाना बनाना तक नहीं आता है मैंने थोड़ा सा खा कर देखा मैंने बोला नहीं नमक तो सही है बिल्कुल तो बोलने लगे आज हम बताते हैं कि खाना कैसे बनाते हैं तवे पर रोटी रखी हुई थी उन्होंने वह रोटी हटा दी और उस तवे पर मेरा हाथ रख दिया मेरा पूरा हाथ जल चुका था मुझको इतना दर्द हो रहा था कि मैं बेहोश हो गई थी  बेहोश होने के बाद जब मैं ने आंखें खोली तो मैं बेड पर लेटी हुई थी मेरी सास मेरे बगल में खड़ी थी और मेरा हस्बैंड मेरे बगल में बैठा हुआ था मेरी सास ने बोला कि बेटा गलती हो गई मेरे बेटे से माफ कर दो उसको आगे से यह सब नहीं होगा मेरा हस्बैंड भी मुझसे माफी मांग रहा था मेरे दिमाग में यह बात चल रही थी कि शायद यह लोग इसलिए यह सब अब बोल रहे हैं क्योंकि इनको लगता होगा कि कहीं मैं पुलिस में कंप्लेन ना कर दूं मैंने भी बोला ठीक है एक हफ्ते तक सब सही चलता रहा रक्षाबंधन का दिन आ गया था मेरा बड़ा भाई मुझसे मिलने के लिए आया था वह मेरे हस्बैंड से बातें कर रहा था और पूछ रहा था कि जीजा जी सब कुछ सही है ना मेरे हस्बैंड भी बड़े प्यार से बात कर रहे थे उससे रक्षाबंधन के दूसरे दिन ही मेरा बड़ा भाई मुझसे बोल रहा था कि अपना ध्यान रखना और कोई भी समस्या हो मुझको कॉल कर लेना यह बोलकर वह चला गया दूसरे ही दिन मेरे हस्बैंड ने मुझसे बोला मेरे सोने की चेन नहीं मिल रही है कहां चली गई है मैंने बोला यही तो रखी होगी तो वह बोला तुम देख कर बताओ कहां रखी है मैंने देखा हर जगह मुझको नहीं मिली मैंने बोला कि आप ढंग से याद करिए कि आपने रखी कहां थी वह बोला पूरा घर देख लिया है कहीं नहीं मिल रही है ऐसा तो नहीं है कि तेरा भाई लेकर चला गया हो वैसे भी तेरे घर पर चोर ही चोर है मैंने बोला जुबान संभाल कर बात करो इतना बोलने पर उसने मुझ को मारना शुरू कर दिया  इतना मारा मुझको कि मेरी तबीयत खराब हो गई मुझ को बुखार आ गया मेरे पति ने डॉक्टर को भी नहीं बुलाया था क्योंकि मेरे हस्बैंड का खुद का एक मेडिकल स्टोर था उसको मेडिकल की पूरी जानकारी थी जब मुझ को बुखार आया तब उसने मुझको इंजेक्शन लगाया था मुझको नहीं पता वह किस चीज का इंजेक्शन था क्योंकि मेरी तबीयत हद से ज्यादा खराब हो चुकी थी 4 दिन बाद मेरा बुखार उतर गया जैसे ही मैं बिस्तर से उठी तो मुझे चक्कर आने लगे शायद मेरे शरीर में खून की कमी हो चुकी थी मेरी सास ने यह बोला कि तुम लेटी रहो अभी और अपने बेटे को बुलाया और बोला इसको ताकत का इंजेक्शन लगा दो उसने तुरंत ही इंजेक्शन लगा दिया इंजेक्शन लगाते ही मैं सोती रही 2 दिन तक 2 दिन बाद जब मेरी आंखें खुली और मैंने जमीन पर कदम रखा तो मुझे कुछ दिखाई देना ही बंद हो चुका था एक इंसान मुझे डबल डबल दिखाई दे रहे थे मेरा सर दर्द से फटा जा रहा था आंखों के नीचे काले धब्बे आ गए थे मैं बिस्तर से उठ भी नहीं पाती थी समझ में नहीं आ रहा था कि वह कर क्या रहा है 1 दिन की बात है सुबह-सुबह मेरे हस्बैंड एक और इंजेक्शन निकाला मुझे देने के लिए मैंने मना कर दिया कि अब मैं इंजेक्शन नहीं लगवाउगी वह जबरदस्ती करने लगा मैंने चिल्लाना शुरू कर दिया तो मोहल्ले से ही चार पांच लोग आ गए उन्होंने पूछा क्या हुआ है आपकी बहू को मैंने बोला कि यह लोग मुझे जबरदस्ती इंजेक्शन लगा रहे हैं मेरी सास ने बोला नहीं यह थोड़ी दिमागी रूप से कमजोर हो गई है तभी ऐसी बातें कर रही है मैंने उन लोगों से बोला आप लोग मेरी मदद करिए मुझको डॉक्टर के पास ले जाइए मेरी सास ने बोला कि आप लोग जाइए इसकी तो आदत हो गई है यह सब बातें करने की फिर वह लोग वहां से चले गए और मैं एक कमरे में लेटी रही 1 दिन की बात है मेरे पति का फोन मेरे बगल पर रखा हुआ था मैंने सोचा चलो जल्दी से घर पर फोन कर लेती हूं मैंने तुरंत घर पर फोन किया अपने बड़े भाई के पास मैंने बोला जल्दी से मुझको लेने आ जाओ मैं बहुत बीमार हूं अगर देर हो गई तो क्या पता मैं मर जाऊं यहीं पर दूसरे ही दिन मेरे बड़े भैया आ गए मुझको लेने उन्होंने बोला क्या कर दिया आप लोगों ने मेरी बहन के साथ तो मेरा हस्बैंड बोला तू तो चुप रह तू तो चोर है मेरी सोने की चेन लेकर भाग गया था तू मेरे भाई ने बोला कौन सी सोने की चेन मेरे पास कुछ नहीं है मेरे पति ने बोला अपनी बहन को लेने आया है लेकर निकल यहां से और दोबारा अपना और इसका मनहूस मुंह मत दिखाना  निम्मी का भाई निम्मी को अपने घर वापस लेकर आ गया निम्मी की मम्मी ने निम्मी से बोला यह क्या हाल बना लिया है अपना क्या हुआ क्या है इतने साल बाद आई हो यहां पर और इस हालत में निम्मी की मम्मी ने निम्मी के बड़े भाई से पूछा क्या हो गया है इसको और तुम बिना बताए इसको लेने चले गए हमको कितनी चिंता हो रही थी कुछ तो घर पर बता कर जाते निम्मी के भाई ने बोला कि ऐसी ऐसी बात हुई है वहां पर निम्मी की मम्मी ने बोला की हम अभी कॉल करते हैं वहां पर निम्मी ने साफ मना कर दिया और इतने में निम्मी को चक्कर आ गया वह वहीं बेहोश हो गई निम्मी ही मम्मी ने तुरंत डॉक्टर को बुलाया और डॉक्टर से बोला पता नहीं इसको क्या हो गया है अचानक से चक्कर आ गए डॉक्टर ने निम्मी को देखा और बोला इसको बहुत तेज बुखार आ गया है हम दवाई दे रहे हैं 2 दिन की 2 दिन बाद अगर यह सही हो जाए तब हम और दवाई लिख देंगे कमजोरी की अगर यह सही नहीं हुई तब तो आप इसको हॉस्पिटल में लेकर चाहिए डॉक्टर ने निम्मी को दवाई दी 2 दिन बाद निम्मी थोड़ी ठीक हो चुकी थी अब उसकी और भी दवाइयां चल रही थी 1 दिन की बात है निम्मी के पेट में अचानक से बहुत दर्द होने लगा निम्मी की मम्मी लेडीस डॉक्टर के पास निम्मी  को लेकर गई वहां लेडीस डॉक्टर ने निम्मी का चेकअप किया और बोला 2 दिन बाद रिपोर्ट लेने आ जाना निम्मी घर आकर आराम करने लगी दो दिन बाद जब निम्मी अपनी रिपोर्ट लेने डॉक्टर के पास गई तब डॉक्टर ने उससे बोला कि आपको कौन सी दवाई दी जा रही थी मम्मी ने बोला मुझको मेरे हस्बैंड दवाई दे रहे थे और साथ में इंजेक्शन दे रहे थे मुझको कुछ नहीं पता कि मुझको कौन सी दवाई और इंजेक्शन दिए जा रहे थे डॉक्टर बोली कि आपको गलत मेडिसिन और गलत इंजेक्शन दिए जा रहे थे अगर यह 2 दिन तक और दिए जाते तो आपकी बच्चेदानी पूरी खराब हो जाती आप कभी मां नहीं बन पाते यह सुनकर निम्मी बहुत जोर से रोने लगी और उसके पैरों तले जमीन खिसक गई वह रिपोर्ट लेकर घर आए उसने अपनी मम्मी को सब कुछ बताया कि डॉक्टर ने यह बताया है  अब उसकी मम्मी को भी समझ नहीं आ रहा था कि करना क्या है आगे उसकी मम्मी भी बहुत टेंशन में आ गई थी काफी महीने हो गए निम्मी के ससुराल से कोई भी कॉल नहीं आ रहा था 1 दिन निम्मी के बाहर जाते ही निम्मी की मम्मी ने निम्मी के ससुराल पर फोन किया और बोला कि आपकी बहू है कैसी है किस हाल में है आप लोगों ने तो एक कॉल तक नहीं किया आप लोग ऐसे कैसे कर सकते हैं मेरी बेटी के साथ निम्मी के हस्बैंड निम्मी की मां को गंदी गंदी गालियां दी और बोला कि अब हमको तुम्हारी बेटी से कोई मतलब नहीं है वह अब मेरे साथ नहीं रह सकती है मैं उसको जल्द ही तलाक देने वाला हूं यह सुनकर निम्मी की मम्मी के हाथों से फोन गिर गया और वह बहुत गुस्से में आ गई इतने में निम्मी आ गई उसने जमीन पर गिरा हुआ फोन उठा लिया हेलो बोला लेकिन वहां से फोन कट हो चुका था फिर उसने देखा कि मेरी मम्मी ने कहा फोन किया था तब वह समझ गई कि यह तो मेरे ससुराल का नंबर है उसने अपनी मम्मी से बोला आपने वहां कॉल क्यों किया वह बोली तेरा पति बोल रहा है कि वह तुझको तलाक दे देगा निम्मी ने भी बोल दिया मुझको भी ऐसे घर में नहीं जाना है निम्मी की मम्मी बोली सोच समझ लो पूरी जिंदगी मायके में तुम नहीं रह सकती हो लोग क्या बोलेंगे निम्मी बोली तो कोई बात नहीं मैं जॉब करूंगी और अलग रह लूंगी मेरी वजह से आपको भी तकलीफ होगी और मैं आपको तकलीफ में नहीं देख सकती हूं यह बोलकर छत पर चली गई और रोने लगी थोड़ी देर बाद निम्मी कि मम्मी मिलने छत पर गई निम्मी के पास निम्मी बोली मेरी गलती नहीं है कोई भी फिर भी इतना सहन किया ताकि आपको तकलीफ ना हो आज मैं तकलीफ में हूं तो आप मुझे वही मरने के लिए भेज दे रही है क्या मैं बोलूं आपसे पापा के जाने के बाद मैंने आपको ही सब कुछ मान लिया था अब ऐसी हालत में एक मां अपनी बेटी का साथ नहीं देगी तो कौन देगा इतना बोलते ही निम्मी की मम्मी ने बोला कि ठीक है तुमने अगर तलाक के बारे में सोच लिया है तो यही सही है हम तुम्हारा साथ देंगे एक हफ्ते बाद निम्मी ने  तलाक के लिए अर्जी डाल दी कोर्ट में  जो औरत निम्मी का केस लड़ रही थी वह एक महिला वकील थी वह निम्मी की सारी तकलीफ समझ रही थी निम्मी ने सारी बातें बता दी थी कि उसके साथ क्या-क्या हुआ है  अब केस की सुनवाई भी होने लगी थी निम्मी कि वकील ने निम्मी के हस्बैंड पर फिजिकल वायलेंस डोमेस्टिक वायलेंस और दहेज का केस कर दिया था निम्मी की वकील ने निम्मी से पहले ही बोल दिया था कि मैं तुम्हारे पति पर यह यह केस लगा रही हूं निम्मी ने भी बोल दिया था मैडम जैसा आपको सही लगे आप वैसा ही करिए अब  केस शुरू हो चुका था 1 हफ्ते एक महीना 1 साल 5 साल हो चुके थे केस लड़ते-लड़ते कोर्ट की तरफ से निर्मल के पति को एक लीगल नोटिस दिया गया था उसको कोर्ट में हाजिर होना था लेकिन वह एक भी तारीख पर हाजिर नहीं हुआ था  मैंने निम्मी से बोला कि यह केस इतना लंबा क्यों जा रहा है 5 साल हो गए हैं कहीं रिस्पांस नहीं आ रहा है मैंने बोला कि तेरे पैसे भी खर्च हो रहे हैं निम्मी बोली मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा है मैं क्या करूं मैंने बोला तो वकील चेंज कर यह वकील सही नहीं लग रही है निम्मी बोली मुझे भी यही लग रहा है तब मम्मी ने दूसरे वकील देखना शुरू कर दिया अब मम्मी को दूसरा वकील मिल चुका था दूसरे वकील निम्मी से बोला कि तुम्हारा जो पहले केस लड़ रही थी उसने एक फाइल बनाई होगी वह मुझे लाकर दो ताकि मुझे पता चले कि तुम्हारी वकील ने ने कौन-कौन से केस तुम्हारे पति पर लगाए थे निम्मी ने फाइल अपने वकील को ला कर दे दी अब यह केस दोबारा शुरू हो चुका था इस केस को अब 3 साल और लग गए अब निम्मी की हालत और बुरी हो चुकी थी उसके पास पैसों की कमी भी हो गई थी जॉब तो कर रही थी लेकिन इतना पैसा नहीं आ पा रहा था वह वकील बार-बार तारीख के बहाने निम्मी को बुलाता था और उससे पैसे लेता था काफी समय इसी में ही लग गया एक दिन निम्मी को बहुत गुस्सा आया और वह बोली कि हमें केस नहीं लड़ना है आप मुझको मेरी फाइल वापस कर  अब उस वकील ने वह फाइल देने से साफ मना कर दिया और यह बोल दिया अबकी बार हम तुमको इंसाफ दिलाएंगे तुम्हारा तलाक करवा देंगे निम्मी ने भी वकील पर यकीन कर लिया 1 दिन की बात है निम्मी को वकील ने बुलाया कि तुम्हारी तारीख है तुम जल्दी आ जाओ  निम्मी यह सुनकर अपने वकील से मिलने चली गई उस दिन उसके वकील ने उसको जल्दी बुला लिया था निम्मी भी चली गई थी उसको लगा कि आज शायद कुछ केस में तरक्की हो कुछ आगे बढ़ जाए एक उम्मीद लेकर घर से निकली थी वह जब उस वकील के पास गई तब उस वकील ने निम्मी को अपने केबिन में बुलाया और बोला अभी थोड़ा समय है तुम जब तक यहीं बैठो उस समय केबिन में सिर्फ निम्मी ही बैठी थी अचानक से उसके वकील ने उसकी तरफ देख कर मुस्कुराना शुरू कर दिया निम्मी अपने फोन में अपनी मम्मी से बातें कर रही थी काफी देर हो चुकी थी निम्मी बोलीऔर कितना देर लगेगी उसका वकील उसके बगल में आकर बैठ गया और बोला क्या मैं तुमको छू सकता हूं निम्मी के पैर के नीचे से जमीन गई खिसक गई उसको कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि उसके साथ हो गया रहा है मैं बहुत ही डर गई थी उसने तुरंत बोला यह आप क्या बोल रहे हैं दूर  हटो निम्मी के वकील ने उसके साथ और बदतमीजी देना शुरू कर दी और उसके चेस्ट पर हाथ रख दिया निम्मी ने तुरंत अपने वकील को धक्का मार दिया और वहां से भाग गई जब निम्मी अपने घर आई तब उसने अपनी मम्मी को सारी बातें बताई कि उसके साथ क्या-क्या हुआ था आज | वह अपनी मम्मी के गले लग कर खूब रोई उसकी मम्मी ने बाद में उसको समझाया कि अकेली लड़की का लोग ऐसे ही फायदा उठाते हैं तुम को अंदर से स्ट्रांग होना पड़ेगा और आज से तुम कभी भी अकेले कोर्ट नहीं जाओगी मैं तुम्हारे साथ जाऊंगी तब निम्मी जितनी बार कोर्ट गई उतनी बार उसकी मम्मी उसके साथ कोर्ट गई उसकी मम्मी ने वकील से कुछ नहीं बोला इसलिए क्योंकि निम्मी की फाइल वकील के पास अभी भी थी निम्मी की मम्मी ने साफ-साफ वकील से बोल दिया अब तुम मेरा केस नहीं लड़ोगे  फाइल वापस करो निम्मी के वकील ने बोला मैडम माफ कर दीजिए एक चांस और दे दीजिए निम्मी की मम्मी ने साफ मना कर दिया  मम्मी की मम्मी ने वकील से बोला तुम्हारे पास सिर्फ 1 हफ्ते का समय है 1 हफ्ते के अंदर यह तालाब करवाओ नहीं तो मेरी फाइल वापस करो अब वकील समझ चुका था कि यह लोग समझ चुके हैं कि मैं इनको पैसों में लूट रहा हूं 1 हफ्ते के अंदर अंदर निम्मी के वकील ने निम्मी का तलाक करवा दिया अब निम्मी खुश तो बहुत थी क्योंकि उसका जो रिश्ता था उसमें उसका दम घुट रहा था अब वह आजाद थी जॉब भी कर रही थी अब उसके लिए रिश्ते आ रहे थे लेकिन वह हर रिश्ते के लिए मना कर दे रही थी क्योंकि उसको यह लग रहा था कि कहीं फिर से उसकी जिंदगी में कोई ऐसा इंसान ना आ जाए जो उसकी जिंदगी बर्बाद कर दे निम्मी की मम्मी ने  साफ साफ बोला कि बेटा हर कोई इंसान एक जैसा नहीं होता है एक बार खुद को एक चांस देकर तो देखो क्या पता तुम्हारी जिंदगी में अबकी बार सही इंसान आए जो तुमसे प्यार के साथ-साथ तुम्हारी इज्जत भी करें  निम्मी ने अपनी मम्मी की बात मान ली और उसने खुद को एक और मौका दिया अबकी बार जो इंसान निम्मी की जिंदगी में आया था वह निम्मी के लिए ढेर सारी खुशियां लेकर आया था आज निम्मी की शादी हो चुकी है और वह अपनी जिंदगी में बहुत खुश है तो दोस्तों यह थी निम्मी की दर्द भरी कहानी दोस्तों मैं यह कहानी आप सबके सामने इसलिए लेकर आती हूं ताकि आप यह जाने की दुनिया में औरत का क्या महत्व है | लोग कैंडल मार्च लेकर नारे लगाकर बोलते हैं नारी शक्ति जिंदाबाद क्या इस तरह औरतों को इंसाफ मिल सकता है क्या इस तरह औरतों को इज्जत मिल सकती है क्या बलात्कार होना बंद हो सकते हैं | रास्ते में चलते समय छेड़छाड़ बंद हो सकती है नहीं यह तभी मुमकिन है जब देश का कानून बदले और देश का कानून कभी नहीं बदलेगा इस से अच्छा है कि हम खुद ही कानून बने जब किसी औरत या लड़की के साथ ऐसा होता है तो हम पुलिस के पास क्यों जाएं | क्यों ना हम खुद ही इंसाफ करें जो इंसान हमारी इज्जत को अपने पैरों की जूती समझते हैं  उस इंसान के खिलाफ तुम लड़ो दोस्तों तो यह भी निम्मी की जिंदगी की सच्ची कहानी मधुलिका गोयल की जुबानी ऐसे ही और भी सच्ची घटना मैं आप सबके सामने लाती रहूंगी जो कि औरतों की जिंदगी की सच्ची कहानी है नारी एक शक्ति थी है और रहेगी तो फ्रेंड अब मैं चलती हूं ध्यान रखिएगा आप सब लोग अपना खुश रहिए खुश रखिए सुरक्षित रहे इसी के साथ मैं मधुलिका गोयल आप सब से अलविदा लेती हूं धन्यवाद  अनसुलझी निम्मी की कहानी 

article-image
1
रचनाएँ
अनसुलझी निम्मी की कहानी
0.0
दोस्तों यह कहानी सिर्फ निम्मी की ही नहीं उस हर एक औरत की कहानी है जो इस समाज से जूझ रही है एक औरत पर कितना भार होता है परिवार का बच्चों का समाज का इस बीच उसको पारिवारिक रूप से और सामाजिक रूप से कितना प्रताड़ित किया जाता है यह बात सिर्फ एक औरत ही समझ सकती है दुनिया में ऐसी बहुत सारी औरतें हैं जिनको ना ही परिवार का साथ मिलता है ना ही समाज का हर तरफ से उनको इतनी ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ता है कि उनको कभी-कभी समझ में ही नहीं आता है कि उनको करना क्या है मानसिक रूप से शारीरिक रूप से इतना प्रताड़ित हो जाती है कि कुछ कुछ औरतें आत्महत्या तक कर लेती हैं क्योंकि उनको परिवार के साथ-साथ सामाजिक लोगों के ताने भी सुनने पड़ते हैं दोस्तों एक इंसान तब नहीं हारता जब समाज उसके ऊपर उंगली उठाता है इंसान तब हारता है जब उसका परिवार उसका साथ नहीं देता है और उसका परिवार ही उसके ऊपर उंगली उठाता है ऐसी ही सच्ची घटना में आप सबके सामने लेकर आई हूं जो एक औरत की कहानी है एक ऐसी औरत की कहानी जिसने अपना पूरा बचपन खो दिया था आगे चलकर उसको नहीं पता था कि उसको किन-किन मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है दोस्तों आजकल यह कहानी हर एक औरत की कहानी बन चुकी है क्यों ऐसा क्यों है इसके पीछे हमारा समाज जिम्मेदार है क्योंकि एक औरत की जिंदगी में पहले से ही इतनी परेशानियां होती हैं लोग उसको दिलासा देने की जगह उसके ऊपर उंगली उठाते हैं हंसते हैं ताने कसते हैं क्यों यह हक समाज को किसने दिया मैं नहीं मानती ऐसे समाज को अगर हर औरत यही सोचने लगी की सिर्फ हम अपने बारे में सोचें समाज के बारे में नहीं कि समाज क्या बोलेगा क्या देखेगा क्या सुनेगा यह सब ना सोच कर एक औरत को अपने बारे में सोचना चाहिए ऐसी ही कहानी है निम्मी की कहने के लिए हमारे समाज में औरतों को देवी का दर्जा दिया है लेकिन वही समाज यह भूल जाता है की वह जिसके साथ ऐसा व्यवहार कर रहे हैं वह भी एक औरत ही है आजकल के समय पर एक औरत ही एक औरत की दुश्मन होती है औरत जब एक पब्लिक प्लेस पर निकलती है तब वह पब्लिक प्रॉपर्टी हो जाती है ऐसा लोगों का मानना है यह लोग उसी समाज में रहते हैं जिस समाज में हम रहते हैं

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए