"यादों के पन्ने"मेरी यह दुसरी कहानी संग्रह है जो शब्द इन पर प्रकाशित हो रही है।इसके पहले "समय की खिड़की" में मेरी पंद्रह लघु कहानियों का संग्रह प्रकाशित हुआ है।शब्द इन पर प्रकाशित होने वाली मेरी यह तेरहवीं पुस्तक है। इसके अतिरिक्त एक पुस्तक योर कोट्स पर प्रकाशित हुई है। मेरी इस कहानी संग्रह की कहानियां सामाजिक ताना-बाना के आधार पर शब्दों द्वारा ऐसी बुनी गयी है ताकि उनमें फंतासी महसूस हो। समाज में घटित हो रही घटनाएं लेखन को प्रभावित करती हैं ऐसे में लेखक का भी प्रभावित होना सामान्य सा होता है लेकिन कहानी अगर कहीं किसी घटना से मेल खाती हो तो वह महज एक संयोग ही होगा। कहानी के पात्र अगर कहीं किसी से मेल खा रहे हैं तो वह भी महज एक संयोग ही होगा। कहानी की विषम वस्तु अगर किसी स्थान,चरित्र, पात्र या व्यक्ति विशेष से मिलती जुलती है तो यह भी महज एक संयोग होगा। इस संग्रह में कहानी की विषय वस्तु से किसी व्यक्ति,समाज या संस्था को ठेस पहुंचाते की कोई मंशा नहीं है।अगर कहीं ऐसा लगता है तब वह एक संयोग ही है। आशा है कि पाठक गण कहानियों को इस संग्रह में पढ़कर अपने सुझाव देकर मुझे अपना अमूल्य योगदान देंगे। © ओंकार नाथ त्रिपाठी अशोक नगर बशारतपुर गोरखपुर ।