कविता संग्रह है, जिसमें , अपने परिवार संबंधित कविता पढ़ने को मिलेगा।..
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फोन किया तो हां की बस आवाज आईइतनी धीमी की मुझे यकीन न हो पाईतंग करते थे तो एक आवाज़ में पापा को बुला लेतीऔर आज तुम उस घर में गई तो इतना क्यों बदल गई...कुछ नहीं कैसा है तुम ..बात को टालते हुए बहन बोलीअ