दो बहन की कहानी ,उसके व्यक्तित्व से लेकर, उसकी जिन्दगी के हर पहलू को देखने को मिलेगी, साथ ही साथ आप लोग को इस कहानी में अलग अलग किरदार जो आप लोगों को मन मोह लेंगे। तो पढ़ते रहिए ... मेरे गांव की दो सखी..
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बहुत प्रशंसनीय व बांधकर रखने वाली कहानी है आपकी 💯💯💯👍👍🙏
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मित्रता, गांव में आज भी जिंदा है...... बिहार के एक छोटे से गांव रामपुर था इस मिट्टी ने दो सखी को जन्म दिया । सरस्वती और अंजलि एक दुसरे की जान थी। गांव के हर मुहल्ले और चौंक पर कोई नाम था तो इन दोनो
भाग -2अंजलि के पापा मनोज यादव अपने ही गांव के चौक पर मिठाई की दुकान खोल रखे थे ।बहुत ही विनम्र सीधा साधा आदमी हैं पुजा पाठ करने वाले व्यक्ति हैं। हनुमान जी के परमभक्त कह सकते हैं,।इनके दुकान में
भाग -3गीता जी सब्जी काटकर चुलहे में लकड़ी देते हुए बोली , अगर तुम दोनों महारानी का गप्प हो गई है तो जरा सरस्वती आटा गूंथ लें। मेरा मन नहीं है मां तुम ही गूंथ लेना तब तक हम दोनों घुमकर आते हैं। गी