धैर्य और अनुशासन से, अपना राष्ट्र बचाना है ....! देखा नहीं था हमने कभी ,आज़ादी के परवानों को ,जो कफ़न बाँध कर निकले थे …… शहीद हुए , पर, आने वाली नस्लों को वे आज़ाद हवा देकर वे गए । सोचो , हम सब में भी तो भगत सिंह , राजगुरु, सुखदेव है खड़ा ,आज देश पर ही नहीं, मानवता पर सं
हमारे देश की आज़ादी को 70 साल हो गये। लेकिन आज़ादी क्या है इसके बारे में लोगों ने अपनी अपनी परिभाषाएँ व धारणाएं बना रखी है । आज़ादी आज़ादी चिल्लाते हुए कुछ लोग आजकल भी यहाँ वहाँ दिख जाते हैं । कुछ लोग कहते हैं हम अभी भी पूर्ण आज़ाद नहीं हुए हैं । आलंकारिक या दार्शनिक रूप से आज़ादी शब्द का प्रयोग या राजन