कला..
इसका अर्थ होता है, बिना किसी स्वार्थ और बनावटीपन के, अपनी भावनाओं की अभिव्यक्ति।
ऐसा मेरा जवाब था.. जब किसी बहुत ही पहुंचे हुए कलाकार ने मुझसे पूछा था, के बताओ तुम्हारी नजर में कला क्या है।
लेकिन फिर उन्होने मुझे कला का सही अर्थ कुछ यूं समझाया के...
जिसमें समाज का हित हो,
जो लोगो के काम आये..
किसी ना किसी तरह से सकारात्मकता का फैलाव
और सोचने पर मजबूर करे कि बुराई,फूहड़ता भरा अट्टहास पैदा करने वाले विचार त्यागने योग्य है..
जीवन सिरफ एक बार मिला है उसे सुंदर और प्रेममय बनाना है..
ऐसी सोच का प्रवाह पैदा कर सके जो....
कला कहते हैं ||