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~अर्थ~

16 जून 2016

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कला..
इसका अर्थ होता है, बिना किसी स्वार्थ और बनावटीपन के, अपनी भावनाओं की अभिव्यक्ति। 
ऐसा मेरा जवाब था.. जब किसी बहुत ही पहुंचे हुए कलाकार ने मुझसे पूछा था, के बताओ तुम्हारी नजर में कला क्या है।

लेकिन फिर उन्होने मुझे कला का सही अर्थ कुछ यूं समझाया के...

जिसमें समाज का हित हो,
जो लोगो के काम आये.. 
किसी ना किसी तरह से सकारात्मकता का फैलाव
और सोचने पर मजबूर करे कि बुराई,फूहड़ता भरा अट्टहास पैदा करने वाले विचार त्यागने योग्य है.. 
जीवन सिरफ एक बार मिला है उसे सुंदर और प्रेममय बनाना है..

ऐसी सोच का प्रवाह पैदा कर सके जो.... 
कला कहते हैं ||

अंशुल अर्च

अंशुल अर्च

धन्यवाद 😊😊

18 जून 2016

Lalit Banjara

Lalit Banjara

बहुत अच्छा

16 जून 2016

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~अर्थ~

16 जून 2016
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कला..इसका अर्थ होता है, बिना किसी स्वार्थ और बनावटीपन के, अपनी भावनाओं की अभिव्यक्ति। ऐसा मेरा जवाब था.. जब किसी बहुत ही पहुंचे हुए कलाकार ने मुझसे पूछा था, के बताओ तुम्हारी नजर में कला क्या है।लेकिन फिर उन्होने मुझे कला का सही अर्थ कुछ यूं समझाया के...जिसमें समाज का हित हो,जो लोगो के काम आये.. किसी

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16 जून 2016
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सोचती हूं..

17 जून 2016
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कभी सोचती हूं.. क्या होता अगर माता सीता ने साफ-साफ मना कर दिया होता अग्नि-परीक्षा देने से! क्या होता अगर सावित्री लड़ने नही जाती, यमराज से अपने पति के प्राण वापस लाने.. क्या होता जो कुन्ती छोड़ नही जाती कर्ण को.. शुद्र कहलाने.... क्या होता अगर द्रोपदी वगावत कर देती,शर्त में हार जाने वाली संपत्त

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23 जून 2016
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