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अयोध्या श्री राम मंदिर एक तथ्य

25 जनवरी 2016

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जय श्री राम,
सच जानने का हक सबको है, आप भी जानिये।
वो सच जिसे दबाने की कोशिश की गयी।
देश के सेक्युलर जो राम मंदिर बनते नही देखना चाहते हैं।
वो सेक्युलर जो मंदिर के आड़ में वोट की राजनीति करना चाहते हैं।

देश के जाने-माने पुरातत्वशास्त्री और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग में उत्तर क्षेत्र के पूर्व निदेशक डॉ. केके मोहम्मद ने दावा किया है अयोध्या में 1976-77 में हुई खुदाई के दौरान मंदिर होने के अवशेष होने प्रमाण मिले थे. उन्होंने ये बात अपनी आत्मकथा 'जानएन्ना भारतीयन' (मैं भी एक भारतीय) में कही है.
मोहम्मद ने कहा कि ये खुदाई भारतीय पुरात्तव सर्वेक्षण के तत्कालीन महानिदेशक प्रोफेसर बीबी लाल के नेतत्व में की गई थी. उस टीम में मैं भी एक सदस्‍य था.
वामपंथियों ने किया गुमराह डॉ़क्टर मोहम्मद ने कहा कि मंदिर मामले में देश के मुसलमानों का कुछ वामपंथी चिंतकों ने गुमराह किया था. अगर ऐसा न हुआ होता तो ये मुद्दा कब का सुलझ चुका होता.
केके मोहम्मद ने कहा कि भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद के तत्कालीन सदस्य प्रोफेसर इरफान हबीब, रोमिला थापर, बिपिन चंद्रा, एस. गोपाल जैसे वामपंथी इतिहासकारों ने मुस्लिम बुद्धजीवियों का ब्रेन-वाश कर दिया. इतना ही नहीं, इन सबने मिलकर इलाहाबाद हाईकोर्ट को भी गुमराह करने की कोशिश की थी.
ये सब मुस्लिमों ये समझाने में कामयाब हो गए कि 19वीं शताब्दी से पहले मंदिर में तोड़फोड़ करने और वहां बौद्ध और जैन धर्म का केंद्र होने का कहीं कोई जिक्र नहीं है. इस बात का आरएस शर्मा, डीएन झा, सूरज बेन और अख्तर अली जैसे कई वामपंथी इतिहासकारों ने समर्थन किया था.
अयोध्या मामले को शांति से निपटने नहीं दिया डॉ. मोहम्मद ने आरोप लगाते हुए कहा- ''इन लोगों ने अयोध्या मामले को शांति से निपटने नहीं दिया. इन लोगों ने चरमपंथी मुस्लिमों से मिलकर इसका सौहार्दपूर्ण हल निकालने की कोशिशों को पटरी से उतार दिया. इनमें से कईयों ने सरकारी बैठकों में हिस्सा लिया और बाबरी मस्जिद कमेटी की बैठक में भी हिस्सा लिया.''
1976-77 में हुई खुदाई में क्या निकला था पुरातत्व वैज्ञानिक डॉ. केके मोहम्मद ने लिखा है कि 'जो कुछ मैंने जाना और कहा है, वो ऐतिहासिक सच है. हमें विवादित स्थल से 14 स्तंभ मिले थे. सभी स्तंभों में गुंबद खुदे हुए थे. ये 11वीं और 12वीं शताब्दी के मंदिरों में मिलने वाले गुंबद जैसे थे. गुंबद में ऐसे 9 प्रतीक मिले हैं, जो मंदिर में मिलते हैं.
खुदाई से ये भी साफ हो गया था कि मस्जिद एक मंदिर के मलबे पर खड़ी की गई. उन दिनों मैंने इस बारे में कई अंग्रेजी अखबारों में भी लिखा था, लेकिन उन्हें 'लेटर टू एडिटर वाले कॉलम' (अखबार में बहुत छोटी जगह) जगह दी गई थी.

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madhurgroup
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ज्ञान एवं धर्म
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अयोध्या श्री राम मंदिर एक तथ्य

25 जनवरी 2016
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सकारात्मक सोच !!!

3 फरवरी 2016
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जे एन यू में जो कुछ हुआ

13 फरवरी 2016
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केजरीवाल: जे एन यू में जो कुछ हुआ वो सब मोदीजी की चाल हे मुसलमानों एवं दलितों को बदनाम करने की.राहुल: मोदीजी ये आप अच्छा नहीं कर रहे हो जो अभिव्यक्ति की आजादी पर रोक लगा रहे हो.लालू : ई ससुरा आर एस एस वालों को हमेशा मुसलामानों में ही खोट नजर आवत हे. नितीश: ये देशद्रोही नहीं हमारे देश के सच्चे सपूत ह

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सोचो देश में इतने बबाल क्यू हो रहे हैं.

23 फरवरी 2016
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सोचो देश में इतने बबाल क्यू हो रहे हैं. गुजरात में पटेल, हरियाणा में जाट आंदोलनों के पीछे केवल और केवल कांग्रेस ही हे क्यू के कांग्रेस को केवल बीजेपी से बेर हे वरना गैर बीजेपी शाषित राज्यों में क्यू कोई आंदोलन नहीं होता हे. गौर करो इस बात पर जब से केंद्र में बीजेपी आई हे तब से ही असहिषुणता क्यू हे?

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आओ मिलकर आग लगाएं,नित नित नूतन स्वांग करें,

24 फरवरी 2016
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आओ मिलकर आग लगाएं,नित नित नूतन स्वांग करें,पौरुष की नीलामी कर दें,आरक्षण की मांग करें,पहले से हम बंटे हुए हैं,और अधिक बंट जाएँ हम,100 करोड़ हिन्दू है,मिलकर इक दूजे को खाएं हम,देश मरे भूखा चाहे पर अपना पेट भराओ जी,शर्माओ मत,भारत माँ के बाल नोचने आओ जी,तेरा हिस्सा मेरा हिस्सा,किस्सा बहुत पुराना है,हिस

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योग सब के लिये

22 जून 2016
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सरकार और सेलिब्रिटी टाइप लोग कह रहे हैं की "योग का कोई मजहब नहीं होता"...इसी प्रकार ये अक्सर कहते हैं की "आतंक का मजहब नहीं होता"...पूरी दुनिया जानती है की दोनों बाते "सफ़ेद झूठ" हैं..आतंकवाद पर बात नहीं करना चाहता क्योंकि पूरा विश्व देख रहा है मगर योग का मजहब है और वो कौन सा मजहब है उसके कुछ साक्ष्य

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