shabd-logo

बाल दिवस

14 नवम्बर 2023

6 बार देखा गया 6

शीर्षक - बाल दिवस


                     बाल दिवस हम सभी जानते हैं की चाचा नेहरू जो देश के प्रधानमंत्री भी रह चुके थे उन्हें बच्चों से बहुत प्यार था और सभी देशवासी भी बाल दिवस को एक जीवन में बच्चों के दिन के साथ-साथ चाचा नेहरू के नाम से चाचा जी बच्चों को बाल दिवस बहुत-बहुत कविताएं कहानियां और प्रेरक प्रसंग जी बाल दिवस पर हम सभी बच्चों के लिए याद कराते हैं।

                     श्याम अपने घर में सबसे ज्यादा नटखट और शरारती बच्चा था उसके माता-पिता भी उसे बहुत डांटते रहते थे। वह कभी भी अपने घर में कोई भी अच्छी बात नहीं करता था और श्याम एक दिन बाजार जाता है वहां पर उसने देखा बच्चे दुकान पर खड़े होकर अपने माता-पिता से बाल दिवस के लिए तैयारी करने को कह रहे थे। अपने घर वापस आता है और अपने माता-पिता के पास  गुमसुम बैठ जाता है। उसकी माता-पिता पूछते हैं बेटा श्याम आज आप ऐसे क्यों बैठे हो वह  कुछ नहीं बोलता है और उसके माता-पिता को चिंता होती है कि नटखट बालक एकदम शांत कैसे हो गया तभी उसकी मां श्याम से प्यार से पूछती बेटा आज तुम शैतानी क्यों नहीं कर रहे हो तब श्याम मुस्कुरा के मां से करता है मां यह बताइए कि यह बाल दिवस क्या होता है तब मां कहती है बेटा बाल दिवस स्कूल में मनाया जाता है और हम सब भी बाल दिवस मनाते हैं आप भी बाजार चलो और हमें भी बाल दिवस के लिए समान दिलाओ। और मां यह बाल दिवस क्यों मनाया जाता है बेटा हमारे देश की जो प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू थे उन्होंने यह बच्चों के लिए एक दिन बनाया था जिस दिन बच्चे अपनी मां की इच्छा अनुसार खेलकूद कर सके और पढ़ाई भी सीख सके देश में हर बच्चे को अधिकार हो कि बाल दिवस में अपने जीवन के दिन में वह खेल कूद अपने देश की संस्कृति एक दूसरे से प्रेम का समावेश हो तो माँ बाल दिवस  पर हम  और क्या-क्या करते हैं कुछ नहीं बेटा बस हम सभी बाल दिवस के दिन स्कूल मेरा पड़ती है तो स्कूल में बहुत से सांस्कृतिक और अच्छे प्रोग्राम होते हैं और हम उन प्रोग्राम में  हिस्सा लेते हैं। जिससे हमारे अंदर एक बचपन का उत्साह अपने बालपन को पहचानता है आज बाल दिवस है और तुम बाजार गए थे तब वहां क्या देखा श्याम कहता है मन वही तो आज मुझे अच्छा लगा कि  बाल दिवस बच्चों के साथ-साथ माता-पिता भी साथ मिलकर बनाते हैं हां सच कहा श्याम बाल दिवस एक प्रेरणादायक दिन है जो देश के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू जी ने शुरू किया था और उनको हम चाचा नेहरू भी कहते थे उनको गुलाब का फूल बहुत प्रिय था और वह बच्चों से बहुत प्यार करते थे और बच्चों के लिए वह बहुत से अच्छे अच्छे कार्यक्रम का चलन करते थे जैसे-जैसे बच्चों की दौड़ खेल कूद और संस्कृतिक नाच गाने के कार्यक्रम इससे हमारे देश का संस्कार भी मालूम चलता था। 

                 श्याम अपनी मां से बाल दिवस के विषय में सुनकर अपने कमरे में सोने चला जाता है और मन ही मन निश्चय करता है कि वह अब जीवन में अच्छी तरह पढ़ाई करके एक अच्छा बच्चा बनेगा।

                आज आधुनिक युग में बाल दिवस को केवल हम स्कूल में या छोटे-मोटे गांव की या प्राइमरी स्कूलों में बनाते हैं क्योंकि आज हम सांस्कृतिक कार्यक्रम और जनरल नॉलेज या  सामान्य ज्ञान को भी सीखने का प्रयास करते हैं।

                देश में 14 नवंबर 1859 में बाल दिवस चाचा नेहरू जी के  साथ मनाया जाता था। कहीं-कहीं बाल दिवस 20 नवंबर को भी मनाया जाता है हमारे देश भारत में 14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता है और बाल दिवस की शुभकामनाएं भी दी जाती है कहानी के सभी पाठकों को आज बाल दिवस की शुभकामनाएं संक्षेप में तो केवल बाल दिवस में इतना ही है कि हम अच्छे विचार और अच्छे आचरण को जीवन में लागू करें यही हमारा बाल दिवस कहलाता है

1
रचनाएँ
बाल दिवस
0.0
बाल दिवस हम सभी जानते हैं की चाचा नेहरू जो देश के प्रधानमंत्री भी रह चुके थे उन्हें बच्चों से बहुत प्यार था और सभी देशवासी भी बाल दिवस को एक जीवन में बच्चों के दिन के साथ-साथ चाचा नेहरू के नाम से चाचा जी बच्चों को बाल दिवस बहुत-बहुत कविताएं कहानियां और प्रेरक प्रसंग जी बाल दिवस पर हम सभी बच्चों के लिए याद कराते हैं।

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए