आजकल गर्मी के तेवर बड़े तीखे हैं। नौतपा आकर चला गया लेकिन मौसम का मिजाज कम होने के स्थान पर और भी अधिक गरमाया हुआ है। इंसान तो इंसान प्रकृति के जीव-जंतु, पेड़-पौधे, फूल-पत्ते कुछ मुरझाते तो कुछ सूखत
"पौधों से प्यार" पौधों से जिसको भी होता है प्यार उनकी सेवा को वह रहता है तैयार कभी न उतरने वाला होता यह खुमार सेवा में उनकी बन्दा सहता मौसम की मार कहते कैसे इसको जुनून नहीं समझते कि ये देते