< बलात्कार एक बङी समस्या > !
एक लङकी थी रात को आँफिस से वापस लोट रही थी तो देर भी हो गई थी पहली बार ऐसा हुआ ओर काम भी ज्यादा था तो टाइम का पता ही नही चला वो सीधे बस स्टेशन पहुँची वहाँ एक लङका खङा था वो लङकी उसे देखकर डर गई की कही उल्टा सीधा ना हो जाए तभी वो लङका पास आया ओर कहा बहन तू मौका नही जिम्मेदारी हे मेरी ओर जब तक तुझे कोई गाङी नही मिल जाती मैँ तुम्हे छोङकर कहीँ नही जाउँगा '' dont worry वहाँ से एक ओटो वाला गुजर रहा था
लङकी को अकेली लङके के साथ देखा तो तुरंत ओटो रोक दी ओर कहा कहाँ जाना हे मेडम आइये मे आपको छोङ देता हुँ लङकी ओटो मे बेठ गई रास्ते मे वो ओटो वाला बोला तुम मेरी बेटी जैसी हो इतनी रात को तुम्हे अकेला देखा तो ओटो रोक दी आजकल जमाना खराब हेना और अकेली लङकी मौका नही जिम्मेदारी होती हे लङकी जहाँ रहती थी वो एरिया आ चुका था वो ओटो से उतर गई ओर ओटो वाला चला गया लेकिन अब भी लङकी को दो अंधेरी गली से होकर गुजरना था वहाँ से सिर्फ चलकर गुजरना था
तभी वहाँ से पानीपुरी वाला गुजर रहा था शायद वो भी काम से वापस घर की ओर गुजर रहा था लङकी को अकेली देखकर कहा आओ मेँ तुम्हे घर तक छोङ देता हुँ, उसने अपना ठेला वहीं छोडकर एक टार्च ले उस लडकी के साथ अंधेरी गली की ओर निकल पडा.वो लडकी घर पहुंच चुकी थी.आज कीसी की बेटी बहन घर सही सलामत पहुंच चुकी थी..
आज मेरे भारत को जरुरत है.उन तीन लोगो का.. १ बस स्टेंड मे खडा वो लडका. २ वो आटो वाला और ३ ठेला वाला. जिस दिन ये तीनों हमारे भारत को मिल जाएंगे, देश की बहन बेटियां सही सलामत घर पहुंचने लगेंगी... जरूरत समझो तो शेयर करना.