shabd-logo

Baldev jumnani के बारे में

दरवेश :: सत्य ओर जीवन की तलाश में भटका एक इंसान

no-certificate
अभी तक कोई सर्टिफिकेट नहीं मिला है|

Baldev jumnani की पुस्तकें

ब्लैक इज़ माई हैपी कलर

ब्लैक इज़ माई हैपी कलर

एक ऐसा जन्म जिसको जन्म कहे या कोई अधूरा कार्य। इस ब्लैक में अपने आप को खोजता एक इंसान

7 पाठक
15 रचनाएँ
0 लोगों ने खरीदा

ईबुक:

₹ 111/-

प्रिंट बुक:

218/-

ब्लैक इज़ माई हैपी कलर

ब्लैक इज़ माई हैपी कलर

एक ऐसा जन्म जिसको जन्म कहे या कोई अधूरा कार्य। इस ब्लैक में अपने आप को खोजता एक इंसान

7 पाठक
15 रचनाएँ
0 लोगों ने खरीदा

ईबुक:

₹ 111/-

प्रिंट बुक:

218/-

Baldev jumnani के लेख

नदी की यात्रा

1 मई 2022
0
1

नदी का प्यार समुद्र से है पर उससे मिलने से पहले कितने इम्तिहान देना पड़ता है कोई नही जानता । नदी का प्यार समुद्र से मिलने पर दिखता है पर कैसे मिली कितने इम्तिहान दिये कोई नही जानता 

।।।।।।।।परिवार ।।।।

6 अप्रैल 2022
0
0

आज राहुल ओर जयश्री के जीवन का कितना खूबसूरत दिन है  शादी के १० साल बाद आज पहली बार भगवान ने जयश्री को माँ बनने का सोभाग्य दिया है ।।।  यह १० साल का समय कैसे बीता सिर्फ़ वो दोनो ही जानते है  शुरू श

कवाक। मौन

6 अप्रैल 2022
0
0

कवाक बोल ओर सुन नही सकता पर जिस तरह वो इन पंक्षियो की चहचाहट पर मुस्करा रहा है उससे ऐसा प्रतीत हो रहा है मानो वोपरिंदे ओर कवाक एक दूसरे से बात कर रहे है... कौन है ये कवाक? कहाँ से आया है ? इन सवालों

एक सवाल (प्रस्तावना)

6 अप्रैल 2022
1
0

क्या है ब्लैक इस माई हैपी कलर ? यह कहानी है एक ऐसे नौजवान की जिसने समाज के कुछ ऐसे नियम का विरोध किया जो समाज ने सिर्फ़ पुरुष समाज के लिए बनाए है। ब्लैक एक अंधकार है । ब्लैक दिखावे ओर सादगी के बीच

तेरा साथ

5 अप्रैल 2022
1
2

कितने खुश क़िस्मत होते है वो लोग जिनको अपना दिल से चाहा हुआ मिल जाता है । तुम मुझे मिली शायद यह मेरी ज़िंदगी का सबसे अच्छा तोहफ़ा था । पर क्या तुम वहि थीं जिसको दिल ने चाहा था ,क्या तू वहि थी जिसकी

क्या है टूटे रिश्ते?

5 अप्रैल 2022
0
0

 क्या टूटे हुए रिश्ते… दर्द देते है  दर्द तो दर्द है वो तो दिल का सुख चैन तक छीन लेते है । क्या टूटे हुए रिश्ते .. जीवन में याद आते है  याद तो बहुत आते है ओर दिल को तड़पाते है । क्या टूटे हुए रि

क्या खोया क्या पाया

4 अप्रैल 2022
1
0

जीवन में एक ऐसा मोड़ भी आता है जब हम खुद सोचने लगते के हमने क्या खोया है ओर ओर क्या पाया है । जब पीछे मुड़कर देखते है तो सब बातें चल चित्र के जैसे आँखो के सामने घूमने लगती है , आज मन क्यूँ सब याद कर

ना तुम ग़लत ना हम ग़लत

3 अप्रैल 2022
0
0

ना कोई आशा है तुमसे ना कोई रंज तुम जो हो वो तुम हो ,ना तुम बदल सकते हो ना,,,ना बदल सकते है हम ...... बेवफ़ा नाम है तुम्हारा दूसरा.. पर ऐ दिल कैसे कहे तुझे बेवफ़ा हम .......... **हो तुम ग़लत या ह

क्या सही क्या ग़लत ?

3 अप्रैल 2022
0
0

याद आता है  कब तू थी मेरे साथ ना किसी ग़म में , ना किसी ख़ुशी में , तू तो थी अपनी दुनिया में, ओर में खोजता रहा अपने आशियाने में .... जमाने से लड़कर शादी करके अपनी दुनिया बसाई ,बेटी को सगों से बड

अजीब मोड़ !

3 अप्रैल 2022
0
0

कितनी बातें याद आ रही थी,बार बार मन मे एक विचार आ रहा था। क्या गलती थीं उस मासूम लड़की की ? कालेज कि सबसे हंसमुख लड़की आज कितनी उदास ओर व्याकुल थी ।। जब उसने बताया के उसकी कालेज से निकलने के बाद ही

किताब पढ़िए