बेचारा एक चप्पल
जिसका रंग था पर्पल।
पड़ा था जिससे पाला।
वो था एक कंजूस लाला।
चप्पल था कितने जमाने का।
लाला हो गया था दीवाना सा।
कितने सिलाई लग गया था।
लाला चप्पल से बेवफाई कर गया था।
परेशान था एक सिलाई वाला।
चप्पल ले आ जाता हमेशा लाला।
एक बार कारवाई थी सिलाई।
उसी पैसा पर बार बार करवाता सिलाई।
मरे हुए चप्पल को
फिर आता जिंदा करवाने को।
अंत मे चप्पल ने दम तोड़ ही दिया।
कहा मुझे जाने दो आखिर लाला का
साथ छोड़ ही दिया।
🌹🌹😂😂😂😂