जब देखता था उसकी परछाई।
दिल मे डोल नगाड़े थे बजते। 💓💓
चांद की रोशनी मे उसके उड़ते
जब भी जुल्फों की परछाई। 💗💗
दिल की गाड़ी को जैसे थे भागते ।
चेहरे को कभी देखा नहीं था मगर।
प्यार बहुत था उसके घनी जुल्फों से मगर।
सोचो उसके घने जुल्फे ने उड़ाये हैं मेरी नींद।
बस परछाई से हैं प्यार दिल हैं कितना बेकरार।
एक दिन चांद की नहीं सूरज की थी रोशनी।
वो जुल्फें वाली नहीं जुल्फे वाला निकला 😭😭
मेरे दिल का कबाडा निकला।
बस मगर मच्छ वाला आंसु ही निकला। 😭😭😭😭
😂😂😂😂😂🤣🤣🤣🤣