हाय हाय कौन सा कर्म किया।
जब इस कंजूस को पसंद किया।
दिखाने को पर्स को रखता हैं मोटा।
जिसमे है सिर्फ कागज़ का टुकड़ा छोटा छोटा।
एक बार चोर ने चुराया इसका पर्स।
पर्स का हालात देख हुआ बेहोश ले गई नर्स।
एक बार गई होटल खाने खाना।
उसने कुछ नहीं खाया बना दिया बहाना।
चुकाने थे पैसा होटल वालों के।
नहीं थे उसके पास पैसे चुकाने के।
होटल वाला नहीं कोई सगा।
तो होटल के सारे बर्तन मजवा डाला।
बैंक मे पैसे रहे थे सड़।
फिर भी एक रति नहीं थी अक्कड़।
क्या था इंसान।
जाने भगवान।
:- नेहा