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बेटियों सुनो

26 नवम्बर 2021

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बेटियों, सुनो

जन्म किस कोख से लिया है 
यह चयन तुम्हारा नहीं है, 
हाँ, तुम्हारे कोख से 
जन्म ले कैसा शिशु
कर सकती हो निर्धारित तुम

सृजन की शक्ति है सिर्फ तुममें
तुम्हारे कोख के जन्मे यह पूत 
खोते जा रहे अपना ही नियंत्रण
होते जा रहे हिंसक, 
हिंसक और हिंसक

तो, कुछ दिन रोक दो 
तुम यह निरर्थक सृजन 
हो जाने दो धरती को
खाली इन हिंसक पुतों से
धरती को हो जाने दो पाक

जब हिंसक पूतों की 
यह खेप समाप्त हो जाएगी
तब फिर शुरू करना 
एक नया सृजन, 
एक नई कहानी
Varsha

Varsha

Very nice post heart touching ma'am

27 नवम्बर 2021

डॉ रीता सिंह

डॉ रीता सिंह

27 नवम्बर 2021

धन्यवाद

वणिका दुबे "जिज्जी"

वणिका दुबे "जिज्जी"

बहुत ही सुंदर लिखा मैंम आपने मैंने भी कुछ लेख लिखें हैं आपसे समीक्षा की अपेक्षा है

27 नवम्बर 2021

डॉ रीता सिंह

डॉ रीता सिंह

27 नवम्बर 2021

धन्यवाद। पढ़ती हूँ।

sayyeda khatoon

sayyeda khatoon

बेहतरीन 👌👌

26 नवम्बर 2021

डॉ रीता सिंह

डॉ रीता सिंह

26 नवम्बर 2021

धन्यवाद

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रचनाएँ
मनोभाव - काव्याभ्यक्ति
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यह पुस्तक मेरे मनोभावों की शब्दाभियक्ति है। यह काव्यात्मक प्रस्तुति समर्पित है स्त्री-विमर्श को।

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