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हृदय अंकुरित भावों का शब्द रूप है काव्य, लेखक होना भाग्य है कवि होना सौभाग्य.........जी हां मुझे गर्व का अनुभव होता है जब मैं कोशिश करती हूं एक लेखक और कवि बनने की.... मेरे प्रयास की झलक आपको मेरे धारावाहिक लेख और कविताओं में देखने को मिलेगी,,,, मेरे द्वारा लिखी रेसिपी में एक गृहिणी और मेरे आर्टिकल में आप एक अध्यापिका के रूप में मुझे समझ पाएंगे। आप लोगों का प्रोत्साहन मेरे लेखन को निखारने में मदद करेगा और निरंतर प्रयास करते रहने के लिए आपकी समीक्षाएं मुझे प्रोत्साहित करती रहेंगी । 🌹🌹🌹

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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2024-09-12
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2023-08-19
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2023-08-08
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2023-07-30
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-08-26
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-08-19
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-08-04
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-01-08
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2021-12-22
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2021-10-30
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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2021-10-18

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हमें मिलना ही था

हमें मिलना ही था

एक झलक 👉 चारों तरफ घटा घिरी हुई थी ठंडी ठंडी हवा का झोंका मन को लुभा रहा था,,, ऊपर से पड़ती रिमझिम बारिश,, रह रह के आसमान में चमकती बिजली दिल में एक अजीब सी बेचैनी पैदा कर रही थी,,, । मिट्टी से उठती हुई सोंधी खुशबू,, दिल को लुभा रही थी नूरी पगडंडी

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हमें मिलना ही था

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एक झलक 👉 चारों तरफ घटा घिरी हुई थी ठंडी ठंडी हवा का झोंका मन को लुभा रहा था,,, ऊपर से पड़ती रिमझिम बारिश,, रह रह के आसमान में चमकती बिजली दिल में एक अजीब सी बेचैनी पैदा कर रही थी,,, । मिट्टी से उठती हुई सोंधी खुशबू,, दिल को लुभा रही थी नूरी पगडंडी

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कसक तेरे प्यार की (प्रेम कहानी)

कसक तेरे प्यार की (प्रेम कहानी)

कसक तेरे प्यार की एक प्रेम कहानी है।जो प्रेमी जोड़े के एक साथ रहते हुए भी कदम कदम पर प्यार की कसक से तड़पते रहते हैं। उनकी कसक का क्या अंजाम होता है जानने के लिए पढ़ें कहानी कसक तेरे प्यार की।

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कसक तेरे प्यार की (प्रेम कहानी)

कसक तेरे प्यार की (प्रेम कहानी)

कसक तेरे प्यार की एक प्रेम कहानी है।जो प्रेमी जोड़े के एक साथ रहते हुए भी कदम कदम पर प्यार की कसक से तड़पते रहते हैं। उनकी कसक का क्या अंजाम होता है जानने के लिए पढ़ें कहानी कसक तेरे प्यार की।

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शायरी संग्रह

शायरी संग्रह

हर वो रह गुज़र जहां से गुजरा था तू  कभी निहारती हूं इस उम्मीद में कभी आएगा यहीं दिल में उठते हुए ज्ज़बात का आइना है मेरी किताब!प्यार के हर एक रंगको मैंने अपने शेरों द्वारा आप तक पहुचाने की मैंने भरपूर कोशिश की है ऊपर लिखा हुआ शेर और इस प्रकार के बह

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शायरी संग्रह

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हर वो रह गुज़र जहां से गुजरा था तू  कभी निहारती हूं इस उम्मीद में कभी आएगा यहीं दिल में उठते हुए ज्ज़बात का आइना है मेरी किताब!प्यार के हर एक रंगको मैंने अपने शेरों द्वारा आप तक पहुचाने की मैंने भरपूर कोशिश की है ऊपर लिखा हुआ शेर और इस प्रकार के बह

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दिलरुबा डायरी अगस्त

दिलरुबा डायरी अगस्त

मेरी डायरी का नाम है दिलरुबा,,, मेरे व्यक्तित्व का आईना है मेरी डायरी,, आप इसमें प्रतिदिन मेरे आस-पास घटित होने वाली छोटी बड़ी बातों से रूबरू होंगे साथ ही अपने सुख-दुख के पल को मैं आपके साथ साझा करती रहूंगी,, और रोजाना एक कुकिंग टिप्स भी आपके साथ शे

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मेरी डायरी का नाम है दिलरुबा,,, मेरे व्यक्तित्व का आईना है मेरी डायरी,, आप इसमें प्रतिदिन मेरे आस-पास घटित होने वाली छोटी बड़ी बातों से रूबरू होंगे साथ ही अपने सुख-दुख के पल को मैं आपके साथ साझा करती रहूंगी,, और रोजाना एक कुकिंग टिप्स भी आपके साथ शे

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🌹 आरज़ू 🌹

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मेरी किताब आरज़ू मेरे दिल में उठते हुए रंग बिरंगे जज़्बातों का आईना है अपने जज़्बात को मैंने कभी कविता तो कभी लेख के रूप में पिरोया है और कोशिश की है कि मैं अपनी रचनाओं द्वारा पाठकों का हौसला बढ़ा सकूं...... उनका मार्गदर्शन कर सकूं,,,, उदास हो तो उनक

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🌹 आरज़ू 🌹

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मेरी किताब आरज़ू मेरे दिल में उठते हुए रंग बिरंगे जज़्बातों का आईना है अपने जज़्बात को मैंने कभी कविता तो कभी लेख के रूप में पिरोया है और कोशिश की है कि मैं अपनी रचनाओं द्वारा पाठकों का हौसला बढ़ा सकूं...... उनका मार्गदर्शन कर सकूं,,,, उदास हो तो उनक

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     रंग बिरंगे जज़्बात

रंग बिरंगे जज़्बात

🌹 रंग बिरंगे जज़्बात🌹 मनुष्य का हृदय एक ऐसा समंदर होता है जिसमें रंग-बिरंगे जज्बात की लहरें हमेशा उठती रहती हैं....... मैंने भी अपने मन में उठने वाले मनोभावों की लहरों को अपनी किताब रंग बिरंगे जज़्बात में लिखने की कोशिश की है बस यह समझ लीजिए

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🌹 रंग बिरंगे जज़्बात🌹 मनुष्य का हृदय एक ऐसा समंदर होता है जिसमें रंग-बिरंगे जज्बात की लहरें हमेशा उठती रहती हैं....... मैंने भी अपने मन में उठने वाले मनोभावों की लहरों को अपनी किताब रंग बिरंगे जज़्बात में लिखने की कोशिश की है बस यह समझ लीजिए

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गुंचा- ऐ -ग़ज़ल

गुंचा- ऐ -ग़ज़ल

मेरी किताब ग़ुंचा-ऐ-ग़ज़ल ख़ूबसूरत ग़ज़लों और शेरों का एक हसीन गुलदस्ता है। मेरी इस पुस्तक में ग़ज़लों और कविताओं द्वारा कभी सामाजिक कुरीतियों पर प्रहार हुआ है तो कभी हास्य-व्यंग्य का प्रयोग कर कविताओं द्वारा मनोरंजन किया गया है। शेरों-शायरी से कभी-

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गुंचा- ऐ -ग़ज़ल

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मेरी किताब ग़ुंचा-ऐ-ग़ज़ल ख़ूबसूरत ग़ज़लों और शेरों का एक हसीन गुलदस्ता है। मेरी इस पुस्तक में ग़ज़लों और कविताओं द्वारा कभी सामाजिक कुरीतियों पर प्रहार हुआ है तो कभी हास्य-व्यंग्य का प्रयोग कर कविताओं द्वारा मनोरंजन किया गया है। शेरों-शायरी से कभी-

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स्वाद के चटखा़रे (मेरी डायरी)

स्वाद के चटखा़रे (मेरी डायरी)

🍟स्वाद के चटखारे🍟 विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजनों की रेसिपीज का संकल।

42 common.readCount
52 common.articles
common.personBought

ईबुक:

₹ 42/-

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मेरी डायरी

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जो मैं देखती हूं पढ़ती हूं और सुनती हूं उस पर मेरे क्या विचार हैं मैं किस तरह सोचती हूं उन विषयों पर, यह लिखने की बस एक कोशिश....!

22 common.readCount
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मेरी डायरी

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मेरी रसोई

मेरी रसोई

मेरी रसोई पुस्तक में मैं आपके लिए अपनी रसोई से बहुत ही सरल और स्वादिष्ट व्यंजनों की रेसिपीज़ लेकर आई हूं 🎂🍟

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₹ 32/-

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संगगनी हूं मैं तेरी

21 अक्टूबर 2024
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मेरी रुह में तू है अब बसा हुआ मेरी आंखों में तू है समाया हुआतुझे देख देख मैं जिया करूंतेरे साथ ही बस मैं रहा करुं!तेरी आंखें हों मेरा आईनाउसी में देख देख मैं सजा करुं!मुझे यक़ीन तुझ पे इस

नादान

8 अक्टूबर 2024
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नादान हैं,अपने पराए का फ़र्क भूल गए हैं जिस डाल पर बैठें हैं उसी को काट रहे हैं हम तो मांग रहें हैं उनके लिए दुआएं ख़ैर , और वो हैं के खंजर लिए हमको ढूंढ रहे हैं। मौलिक रचना सय्यदा खा़तून ✍🏼

दो अक्तूबर

2 अक्टूबर 2024
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आज के दिन (दो अक्तूबर) दो फूल खिले जिससे महका हिंदुस्तान यूं तो कैलेंडर में 12 महीने होते हैं और डेट महीना तारीख हर रोज बदलती रहती है लेकिन इन महीनों में भी कुछ दिन ऐसे होते हैं जो उस तारीख दिन औ

अनकही फरियाद ( ग़ज़ल)

27 सितम्बर 2024
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इंतज़ार करतीं हूं उसका हर घड़ी, वो कब आएगा यहां, रह सकती नहीं हूं उसके बिना, सोचतीं हूं बस यही !वो आता है जब भी सामने ,लब सिल जाते हैं

हिंदी दिवस

13 सितम्बर 2024
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हिंदी हमारी भाषा प्यारीजन-जन की ज़ुबान हैगर्व है इस पर हमकोहोता बहुत अभिमान है‌।हिंदी हमारी भाषा प्यारीजन-जन की ज़ुबान है,,,,सरकारी सारे राजकाज ,होते हैं इस भाषा में,हर कोई जाने समझेऐसी यह ज़ुबान है‌ह

झूठी मुस्कान

12 सितम्बर 2024
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मुस्कुराउं भी अगर! तो भीग जाती है नज़र ! अपनी किस्मत ही कुछ ऐसी थी की दिल टूट गया वह तेरे प्यार का गम एक बहाना था सनम।🫡😜 जी नहीं गलत समझा आपने ! 😠 यह गाना बिल्कुल मुझ पर सूट नहीं करता क्योंकि जब मै

असंभव

16 अप्रैल 2024
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असम्भव कुछ भी नहीं है इस जहान मेंकल तक नहीं था कुछ जिनके पास में।आज वो लोग मोती लुटा रहें हैं, खैरात में।हर जानिब है रहमत का उसकी जलवाज़र्रे को बदल दिया है उसने मेहताब में जानता नहीं था जिस

प्यार की राह

3 अप्रैल 2024
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प्यार की राह पर चलना कठिन हैचल पढ़ो तो वापस लौटना कठिन हैदुश्वारियां बहुत है इस राह में लेकिनलज्जत ए इश्क का मज़ा ही और हैज़ख्म खाता रहा मजनू राहें इश्क में फिर भी यही कहा मुझे लैला पसंद है

लव मैरिज

4 मार्च 2024
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शादी करने का मुझे जब आया ख़्याल मेरे दिल में उठने लगे अनगिनत सवाल । किसे बनाउं मैं अपना हमसफर हर डगर जो चले मेरे साथ मिलकर समझ जाए जो हर बात मेरे बिन कहे, मेरी ख़ुशी में हो जिसकी ख़ुशी , कहे वो मुझसे

सिर्फ तुम

24 फरवरी 2024
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याद है आज भी मुझको वो सुहाना मंज़र,ठंडी ठंडी हवाएं और दूर तक फैला समंदर, हजूम था उगता हुआ सूरज देखने को वहां सिर्फ तुम ही थे जो अपने में ही गुम थे वहां ।सय्यदा खा़तून ✍🏼

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