कहते हैं सच्चा प्यार कभी पुरा नही होता.... शायद सच ही कहते हैं... और ये मुझे तब समझ आया जब मुझे भी प्यार हुआ...।
कहते हैं ना प्यार किसका पूरा होता हैं... प्यार का पहला अक्षर ही अधुरा होता हैं....।
प्यार एक अलग ही एहसास होता हैं... जिंदगी में हमें बहुत लोगों से प्यार तो होता ही हैं.... हर रिश्ते प्यार के बिना अधुरा होता हैं....। लेकिन इश्क़ हमें किसी एक से ही होता हैं...और अगर वो इश्क़ रुह से जुड़ा हो तो उसके मायने ही बदल जातें हैं...। बस इसी पर आधारित हैं मेरा ये लेख...।