कहते हैं मन का हो तो अच्छा.... ना हो तो और भी अच्छा...।।
लेकिन कई बार हम दिल के हाथों इतना मजबूर हो जाते हैं कि हमें कुछ समझ ही नहीं आता क्या अच्छा और क्या बुरा...।
प्यार कभी सोच समझकर नहीं किया जाता है.... ना वो उम्र देखकर होता है.... ना हालात.... बस एक पल ही बहुत होता हैं जब प्यार का अहसास होता है. ।
फिल्मों में.... नाटकों में..... हर जगह बस प्यार ही प्यार.... बिना प्यार के शायद ये दुनिया ही व्यर्थ हैं....।
आप लोग बोलेंगे मैं प्यार की इतनी पैरवी क्यूँ कर रहीं हूँ..... क्योंकि हर लड़की की तरहा मुझे भी तलाश थी अपने प्यार की....
एक ऐसे शख्स की जो मेरी हर ख्वाहिश को समझें... उसे पुरा करें.. जो मुझे सुनें.... मुझे सुनाए.... सच में ये वो अहसास है जो बिना होए शायद ही समझ आए.....।।।
जी हाँ..... जब तक आपको प्यार हो नहीं जाता... आप शायद प्यार को समझ ही नहीं पाए...।। प्यार को लब्जो में लिखना मुमकिन ही नहीं हैं....।।।।
प्यार मुझे भी हुआ ...... लेकिन .....कब..... कैसे...... किससे...... ये ही सब पता चलेगा मेरी इस कहानी में......।।।
अगले भाग से.....।।।।
जय श्री राम... 🙏