shabd-logo
Shabd Book - Shabd.in

भजन

धर्मेंदर सिंह

0 अध्याय
3 लोगों ने लाइब्रेरी में जोड़ा
0 पाठक
30 अगस्त 2022 को पूर्ण की गई
निःशुल्क

भजन​​ – दीनानाथ मेरी बात छानी कोणी तेरे से लिरिक्स दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से, आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से || खाटू वाले श्याम तेरी, शरण में आ गयो, श्याम प्रभु रूप तेरो, नैणां में समां गयो, बिसरावे मत बाबा, हार मानी तेरे से, आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से || बालक हूँ मैं तेरो श्याम, मुझको निभायले, दुखड़े को मारयो मन्ने, कालजे लगायले, पथ दिखलादे बाबा, काढ़ दे अँधेरे से, आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से || मुरली अधर पे, कदम तले झूमे हैं, भक्त खड़ा तेरे, चरणां ने चूमे हैं, खाली हाथ बोल कया, जाऊ तेरे नेरे से, आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से || दीनानाथ मेरी बात, छानी कोणी तेरे से, आँखड़ली चुराकर बाबा, जासी कठे मेरे से || भजन​​ – गाज्यो गाज्यो जेठ आषाढ़ कंवर तेजा रे लिरिक्स गाज्यो गाज्यो जेठ आषाढ़, कंवर तेजा रे, लगतोड़ा लाग्या रे, सावण भादवा, लगतोड़ा लाग्या रे, सावण भादवा || अतरो काईं सुतो गेहरी नींद, कांवर तेजा रे, थारा तो साथीड़ा बीजे, बाजरो, थारा तो साथीड़ा बीजे, बाजरो || झूठी झूठ मत ने बोलो, बोलो भावज म्हारी ने, म्हारा तो साथीड़ा खेले, गौर में, म्हारा तो साथीड़ा खेले, गौर में || कठे पड़ी रास पेराणी, भावज म्हारी रे, कठे तो पड्या है, हली हालिया, कठे तो पड्या है, हली हालिया || खुट्या पड़ी रास पेराणी, कंवर तेजा रे, बाड़ा में बंदया रे बैल्या, जोड़ी का, बाड़ा में बंदया रे बैल्या, जोड़ी का || गावे गावे थने हरी, बूढ़क कवर तेजा रे, कलयुग रे माया ने, साचा देवता, कलयुग रे माया ने, साचा देवता || गाज्यो गाज्यो जेठ आषाढ़, कंवर तेजा रे, लगतोड़ा लाग्या रे, सावण भादवा, लगतोड़ा लाग्या रे, सावण भादवा || १. जुलम कर डारयो, सितम कर डारयो, कारे ने कर दियो लाल, जुलम कर डारयो।। २. तुम झोली भरलो रे भक्तो, रंग और गुलाल से, तुम झोली भरलो रे भक्तो, रंग और गुलाल से, होरी खेलेंगे आपा गिरधर गोपाल से।। ३. मीठे रस से भरीयो री, राधा रानी लागे, महारानी लागे, मने कारो कारो, जमुना जी रो पानी लागे।। ४. चाकर राख ले साँवरिया, तेरो बहुत बड़ो दरबार, चाकर राख ले, चाकर राख ले साँवरिया, तेरो बहुत बड़ो दरबार।। ५. सांवरिया तुमको किसने सजाया है, तुझे सुन्दर से सुन्दर कजरा पहनाया है, कि 

bhajan

0.0(0)

पुस्तक के भाग

no articles);
अभी कोई भी लेख उपलब्ध नहीं है
---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए