भारतीय औषधी बाकुची का कमाल
कुष्टरोग मे होम्योपैथिक की जो दवाएं चलती है ,उससे त्वचा रोगों मे मुझे काफी सफला मिली है ,चूंकि मै वनस्पति शास्त्र का छात्र रहा हूँ ,इसलिए हमेशा से ही वनस्पतियों का अध्ययन करते रहा हूँ ,बाकुची जिसका वनस्पति नाम Psoralea carylifulia है इसके बारे मे मैने पढा था की इसक उपयोग आयुर्वेद मे त्चचा रोग ,कुष्टरोग, सोरायसिस, एग्जीमा, मे किया जाता है इसे कुष्टनाशनी भी कहते है ।बैसे तो आयुर्वेद मे इसका उपयोग और भी कई रोगों मे किया जाता है । होम्योपैथी मे मैने बहुत खोजा पर मुक्षे किसी भी मेटेरिया मेडिका मे इसकी जानकारी नही मिली ,शायद किसी मेटेरिया मेडिका में हो । मेरे एक मित्र की 20 वर्ष की बच्ची को पेट व पीठ पर सफेद सफेद दाँग थे । उन्होंनें बतलाया की हमने इसका उपचार एलोपैथी, होम्योपैथी, से भी कराया मगर कोई लाभ नही है । अब आयुर्वेदिक इलाज चल रहा है । मैने उनके आयुर्वेदिक एव होम्योपैथी के पर्चे देख होम्योपैथी मे वही दवाएं दी गयी थी जो मै भी देता , आयुर्वेद मे डाँ. सहाब ने बाकुची चूर्ण लेने की सलाह दी और कहां की इसे बिना चूके लम्बे समय तक लेना होगा बच्ची व उसके पापा ने कहा इससे कुछ तो फायदा है तेजी से जो बढ रहा था वह नही बढ रही कुछ तो फायदा है मगर इस प्रकार दवाएं कब तक खिलाये कही कुछ नुकसान न हो जाये , चूंकि मै अपनी क्लीनिक मे स्यम कुछ दुर्लभ वनस्पतियों के अर्क निकाल कर पोटेंशी तैयार करता हूँ इसलिए मैने बाकुची पावडर लाने को कहाँ फिर मैने उसे पानी मे डाल कर सात दिनो तक अंधेरे कमरे मे रखा सातवे दिन उसे फिल्टर्ड किया फिर उसके एक भाग मे दस मात्रा आर एस मिलाया इस प्रकार से मैने दवा 1Xपोटेशी मे तैयार कर लेने को कहाँ इस दवा से बच्ची के सफेद दाँग पहले लाल हुऐ फिर धीरे धीरे किनारे त्वचा के रंग जैसे होते होती बढे जल्दी ठीक होने लगे । इस दवा को चिकित्साको को आजमाना चाहिए ,व इस प्रकार के अन्य परिणाम ,अनुभव, हो तो जनकल्याण हेतु सांझा अवश्य करिये
डाँ. कृष्णभूषण सिंह चन्देल
M.9926436304