वृद्धावस्था
विटामिन सी और ई ये उम्र बढने की प्रक्रिया को रोकते है और इन्हे प्राकृतिक स्त्रोंतों से प्राप्त किया जाना चाहिये पोष्टिक तत्व बी -12 लौह फोलिक एसिड और तॉबा जैसे खनिज त्वचा की कोशिकाओं में रक्त आपूर्ति के लिये आवश्यक है इन्हे खजिजो से प्राप्त होने के स्त्रोंत सब्जिया अनाज मटर दुध मेवे फलिया आदि में पाया जाता है ।
0-समस्त शारीरिक प्रणाली का दोषपूर्ण होना(एम्ब्राग्रीसिया):- उन वृद्ध व्यक्तियों की महान औषधि है जिनकी समस्त शारीरिक प्रणालीयॉ दोषपूर्ण हो गयी हो एंव जो दुर्बलताओं से घिरे हो दुबले पतले युवक या दुबली पतली स्त्रीयॉ जो जवानी में ही बुढापे जैसी अवस्था में पहूंच जाती है 50 वर्ष की उम्र में 70 वर्ष की लगती हो बच्चे जो बूढे से लगे उनके अंगों में कमजोरी के कारण कॅपन ,विचार शक्ति की कमी वृद्ध लोगों में स्नायु दौर्बल्य हतोत्साह ,चक्कर आना ,घरेलू या मानसिक ,व्यापारिक हानि के कारण रात में सो नही सकता इसके रोगी को पीडित अंगों में पसीना आता है
0-बुढापे की क्षीणता (बैराईटा कार्ब):- वैसे तो बैराईटा कार्ब दवा को मूर्खो की औषधिय कहॉ जाता है ,परन्तु रोग लक्षणों के अनुसार यह दवा वृद्धावस्था में होने वाली कई समस्याओं के निराकरण की एक अच्छी दवा है ,परन्तु इसका प्रयोग लक्षणनुसार ही करना उचित है । बुढापे की क्षीणता रोकने में भी इसके उपयोग की अनुशंसा कुछ चिकित्सकों ने की है परन्तु होम्योपैथिक में इसकी अन्य औषधियॉ भी है इसलिये लक्षणानुसार ही औषधियों का चयन किया जाना उचित है ।
समय से पहले बुढापा (बेसिलस) :- कुछ चिकित्सकों का अभिमत है कि समय से पहले बुढापे को रोकने के लिये बेसिलस दबा का प्रयोग किया जा सकता है । परन्तु हमारा अभिमत है कि इस दवा को प्रयोग करने से पहले लक्षणों का मिलान आवश्यक है ।
शरीर में सिलवटे पडना(सार्सपैरिला) :- वृद्ध मनुष्यों की भॉती शरीर के चमडे में सिलवटे पड जाना इसमें शरीर की अपेक्षा गर्दन अधिक पतली पड जाया करती है ।
लैपिस ऐल्बा - शरीर की चरबी क्षय होती है इस क्षय के साथ आयोडम की तरह जबरजस्त भूंख भी होती है लैपिस अन्य दवाओं की अपेक्षा जल्दी फायदा करती है ।
थियोसिनामीनम (रोडैलिन) थियोसिनेमाईन (2 एक्स प्रति दिन 1 ग्राम) :- यह दवा शरीर के कठोर तन्तुओं को हल करके उसमें लचक पैदा करती है । वृद्धावस्था में लचक न होने का परिणाम है जितनी लचक होगी उतनी ही जवानी होगी ।वैसे तो वृद्धावस्था को कोई टाल नही सकता । परन्तु औषधि से शरीर के तंतुओं का कडा पड जाने से कुछ न कुछ रोका जा सकता है । इस लिये नाडियों के कडेपन ऑखो के मोतिया बिन्द ऑखों की कार्निया की अस्वच्छता आदि के लिये यह उपयोगी है डॉ0 ए एस हार्ड का कहना है कि यह वृद्धावस्था के लिये उपयोगी है उसे कुछ पीछे धकेल देती है (डॉ0 सत् रोग तथा हो0 चि0) मेरूरज्जा के क्षय रोग कान में पीप होकर बहरा हो जाना ,कान की छोटी हडडी का संचालन बन्द हो जाने में भी इसका प्रयोग किया जाता है । डॉ0 हार्ड के अनुसार यह दवा बुढापे को रोकती है
मेफाईटिस :- डॉ0 फैरिगटन लिखते है कि इस दबा का स्नायु संस्थान पर विशेष प्रभाव होता है जब व्यक्ति अत्यन्त शक्तिहीन हो गया हो तब निम्न शक्ति में देने से यह स्नायु संस्थान के लिये टॉनिक का काम करती है और शाक्तिहीनता को दूर करती है ।
आर्टिका यूरेन्स क्यू :- इस दवा के सेवन से वृद्धावस्था में नवीन बल का संचार होता है और मनुष्य कई वर्ष तक अधिक जी सकता है ।
लाईकोपोडियम 30- इसे वृद्ध पुरूषों की महौषधि कहॉ जाता है । जब धीरे धीर क्षीणता बढती जाये तब इस औषधिय का प्रयोग करना चाहिये ।
फॉसफोरस – शरीर में लोच कम होती जाये तब फॉसफोरस 30 देना चाहिये इस औषधिय की एक मात्रा सप्ताह में लेते रहने से जकडन कम हो जाती है । जिससे आयु बढ जाती है या कष्ट कम हो जाता है ।
समय से पहले बुढापा (ब्यूफो) :- समय से पहले बुढापा (बोरिक)
वृद्धजनों के थकने पर हाईड्रेस्टिक :- वयोवृद्ध जो सरलतापूर्वक थक जाने वाले लोग क्षीणकाय एंव दुर्बल व्यक्तियों के लिये हाईड्रैस्टिक विशेष रूप से लाभदायी है ।
संजीवनी शक्ति को प्रबल एंव मानसिक शारीरिक विकास हेतु (एक्स रे) :- (एक्स रे 12 एक्स इससे भी उच्च् शक्ति में) :- यह शारीरिक व मानसिक शक्ति को बढाती है और संजीवनी शक्ति को बल प्रदान करती है (डॉधोष )
डॉ0 बोरिक ने लिखा है कि इसमें कोशिका चयापचय उत्तेजित करने का गुण है मन तथा शरीर की प्रतिक्रियात्मक जैवी शक्ति को जागृत करती है दबे हुऐ लक्षणों को भीतर से बाहर लाती है विशेष रूप से उन लक्षणों को जो प्रमेह विष जनित तथा मिश्र संक्रमणों से उत्पन्न होते है
स्मरण शक्ति ( बैराईटा कार्ब ) :- वृद्धों की स्मरण शक्ति धटने पर बैराईटा कार्व एंव युवकों की स्मरण शक्ति घटने पर एनाकार्डियम दवा का प्रयोग करना चाहिये
जिनसेग :-जिनसेंग को एरेलिया क्वीनकिफोलिया नाम से जाना जाता है ।इसे चमात्कारी जड के रूप में मान्यता मिली है कहते है इसका प्रतिदिन सेवन करने पर बुढापा बहुत देर से आता है । प्रख्यात लेखक खुशवन्त सिंह प्रतिदिन जिनसेंग का सेवन किया करते थे । हाथ सदा ठण्डा रहे कम्पन्न सुन्न अगुलियॉ सफेद कम उम्र में बुढापे के लक्षण जिनसेंग की प्रधान क्रिया स्थल रीड की मज्जा का निम्नाश है शरीर के नीचे का भाग वात से शुन्न हो जाता है पैर के तलबे सुन्न हो जाते है व अगूठे में तेज र्दद रहता है ।
वृद्धावस्था में कैल्केरिया कार्ब :- वृद्धावस्था में कैल्केरिया कार्ब दवा का उपयोग बार बार अधिक दिनों तक नही करना चाहिये (डॉ0बोरिक)
वृद्धावस्था की शिकायतो की महत्वपूर्ण दबा (कैल्केरिया फलोर) - वृद्धावस्था में चमडी में झुरूरीयॉ ,बालों का झडना, ऑखों की दृष्टि का घटते जाना ,सुनने की क्षमता कम होना ,दॉतों की दतंवेष्ट का कमजोर होना आदि शिकायतों पर बायोकेमिक औषधि कैल्केरिया फलोर का प्रयोग किया जाता है । चूंकि इस दवा के प्रयोग से वृद्धावस्था की कई शिकायतों का हल हो जाता है परन्तु इसके लम्बे समय तक प्रयोग करने से पथरी की शिकायत होने की संभावना बढ जाती है अत: इस दबा का प्रयोग कम शक्ति में अधिक लम्बे समय तक नही करना चाहिये इसकी होम्योपैथिक 30 शक्ति का प्रयोग कुछ समय छोड छोड कर लम्बे अंतराल से करना उचति है ।
डॉ0 डी पी रस्तोगी :- वृद्धावस्था में अब्सेन्ट माईन्ड की दशा में कोनियम,लाईकोपोडियम,अमोनियम कार्ब उपयोगी है ।
वृद्धावस्था में बच्चों जैसा व्यवहार करना (बैराईटा कार्ब) :- यदि वृद्धावस्था में बच्चों जैसा व्यवहार करने लगे तो बैराईटा कार्ब का प्रयोग करना चाहिये ।
सुनाई देने में परेशानी कम सुनाई देना :- वृद्धावस्था में यदि सुनाई देने में दिक्कत आ रही हो तो साईक्यूटा ,मैगकार्ब,पेट्रोलियम ,बैराईटाकार्ब ,फासफोरस दबाओ का उपयोग करना चाहिये । किसी भी समस्याओं के उपचार हेतु मोबाइल पर संम्पर्क कर सकते है ।
डॉ0 सत्यम सिंह चन्देल
बी0एच0एम0एस0, एम0डी0
जन जागरण चैरिटेबल क्लीनिक
हीरो शोरूम के पास बण्डा रोड
मकरोनिया सागर म0प्र0
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