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bhavaniBhai की डायरी

bhavaniBhai

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एक अंगरेज  जो साइंटिस्ट है अपने जीवन से परेसान अपने देश  से हिंदुस्तान घूमने आता है। जहाँ वो हरिद्वार जाता है। वहाँ उसे कुछ साधु मिलते उनसे मिलकर उसके मन को शांति मिलती है। और वो उन्ही के साथ हिमालय पर चला जाता है। 30  साल बाद।  अमेरिका के वैज्ञानिकों को पता चलता है की धरती की तरफ ब्लैक होल बढ़ रहा है जो 50से 60 दिनों में पृथ्वी को तबाह कर देगा । कुछ दिन बाद ये बात सभी देश के वैज्ञानिकों को पता चल जाती है। सारे बड़े देशो के वैज्ञानिक  आपात बैठक बुलाते है। और इस समस्या का समाधान निकालने की सोचते है। पर वो जानते है कि इसको रोका नहीं जा सकता पर हाथ पर हाथ धरकर भी नहीं बैठ सकते । अगर ब्लैक हॉल सोर मण्डल में प्रवेश करता है तो वो सारे ग्रहो यहाँ तक की सूरज को भी नष्ट कर देगा।। सभी वैज्ञानिक हथियार डाल देते है कि अब मौत के सिवाय कुछ नहीं। उधर वो अंग्रेज साधु बन धयान में मग्न हे।  लोगो के हाहाकार ओर उस आफत के अंधकार से उसका ध्यान खुलता है। वो हैरान दुनिया कितनी बदल गयी और जब अपने चेहरे को छूता है । दाढ़ी सफेद बाल सफेद   ध्यान में उसने कितना समय बिता दिया उसे पता ही नहीं चला । वो हिमालय से नीचे आता है और लोगो से सन पूछता है। सन 2030 । 30 साल उसने बिना कुछ खाये पिए बिता दिए। और फिर भी वो स्वस्थ है चल फिर सकता है उसे बड़ा आश्चर्य होता है। वो अपने गुरु के आश्रम पहुँचता है। उसे पता चलता है गुरूजी ने समाधि लेली । लेकिन आखरी समय में गुरु ने कहा था उस अंग्रेज को दुनिया बचानी है। अंग्रेज सोचता है ये कैसी बात कहि उन्होंने। खैर वो वहा से अपने देश जाकर अपने परिवार ओर दोस्तों को अपने आस्चर्य करदेने वाले काम के बारे में बताना चाहता है। वो वहा से निकलता है । पर पासपोर्ट न होने के कारण उसे वाही हिंदुस्तान में रुकना पड़ता है। जब वो एयरपोर्ट से बाहर आता है वो और वहाँ खड़े लोग उस आसमानी आफत को देखते है। अब सारी दुनिया उस आफत को देख सकती है। अंग्रेज क्या बला ले ये कुछ सोचने के बाद वो समझ जाता है। ये ब्लेक होल है और इसे रोकना नामुमकिन है। पर कुछ तो करना होगा। वो वहा से किसी आश्रम में जाकर रुकता है। इत्तफाक ये ढोंगी बाबा है जो मौत सर पर होने पर भी लोगो लूट रहा है। उसकी उस बाबा से बहस होती है और वो उसे वहा से निकाल देते है। अंग्रेज अपने ऑफिस नासा फोन करता है कि उन्होंने इस समस्या का क्या हल निकाला पर न 

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