गमो को मुझसे एक चाहत सी हो गई है
मै उदास नहीं इसकी आदत सी हो गई है ,
ये कैसा वक्त आया कि सुबह भी सो गई है
राज शायद फूलो से खुश्बू ही खो गई है ।
12 अप्रैल 2016
गमो को मुझसे एक चाहत सी हो गई है
मै उदास नहीं इसकी आदत सी हो गई है ,
ये कैसा वक्त आया कि सुबह भी सो गई है
राज शायद फूलो से खुश्बू ही खो गई है ।
6 फ़ॉलोअर्स
dhanyabad bhai saaab
12 अप्रैल 2016
बहुत खूब कुमार रोहित राज जी !
12 अप्रैल 2016