कही कवि ना बन जाऊ ऐ कविता तेरे प्यार मे
है नही तुम जैसा कोई सारे इस संसार मे
है नशा तुझमे बड़ा कविता है चाहत मेरी
गा रहा था मै गजल थी वही पर तू खडी
बह रहा हूं मै यहां तेरी आंखो की धार मे
कही नीर ना बन जाऊॅ ऐ सरिता तेरे प्यार मे
26 अप्रैल 2016
कही कवि ना बन जाऊ ऐ कविता तेरे प्यार मे
है नही तुम जैसा कोई सारे इस संसार मे
है नशा तुझमे बड़ा कविता है चाहत मेरी
गा रहा था मै गजल थी वही पर तू खडी
बह रहा हूं मै यहां तेरी आंखो की धार मे
कही नीर ना बन जाऊॅ ऐ सरिता तेरे प्यार मे
6 फ़ॉलोअर्स
पूनम जी कही नीर ना बन जाऊँ , ऐ सरिता तेरे प्यार मे अब तो नही हो कन्फ्यूज
26 अप्रैल 2016
ऐ कविता तेरे प्यार मे, ऐ सरिता तेरे प्यार मे .... रोहित जी बड़ा कन्फ्यूजन है ... लेकिन बेहद सुन्दर पंक्तियाँ. किसी को भी खुश कर दे इतनी सुन्दर लाईने
26 अप्रैल 2016