गजल सा हमको भी गाओ तो कोई बात बने
करीब होठो के आओ तो कोई बात बने
नही बुझा सका सावन भी प्यास को मेरी
तिशनगी तन की बुझाओ तो कोई बात बने28 अप्रैल 2016
गजल सा हमको भी गाओ तो कोई बात बने
करीब होठो के आओ तो कोई बात बने
नही बुझा सका सावन भी प्यास को मेरी
तिशनगी तन की बुझाओ तो कोई बात बने6 फ़ॉलोअर्स