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आती है तेरी याद तो जमाने को भूल जाता हूं तेरी चौखट में सर झुकाता हूं तो उठाना भूल जाता हूं तुम इसे शिकवा समझकर किस लिए घबरा गए बाद मुद्दत के जो देखा था तो आंसू आ गए
लघु कथा उम्र के निशाने पर शोध दामिनी शर्मा जब कॉलोनी में आई तो 35 वर्ष की विधवा के रूप में उसे देख कर लोगों को बहुत दुख हुआ वह अक्सर रात को 11:00 बजे घर से निकलती और सुबह 7:00 बजे घर वापस लौटती इस तरह