भारती का प्यार है ये हिंदवी,भारतेन्दु ,शुक्ल और द्विवेदी प्रसाद ,जैसे , गोमुखी से गंगा काप्रयास है ये हिंदवी,हिम कन्दराओं दे उदित वेद मंत्रों युक्त,ऋषि मुनियों का इतिहास है ये हिंदवी,सूर का आभास है ये मीरा हरी प्यास है ये,पीड़ा महादेवी
वज़्न- 1222 12222122 2, काफ़िया-आ, रदीफ़ - " करते हैं इशारोमें""गज़ल"चलो जी कुछ ख़ताकरते हैं इशारों मेंबवंडर ही खड़ा करतेहै इशारों मेंकहाँ तक चल सकेंगेदिनमान चुप होकरजलाते है अगन दीयाहै इशारों में।।नयी जब रोशनी होगीतम फ़ना होगाउड़ाते हैं वोफतिंगा हैं इशारों में।।भरा पानी शहर मेंले आग मत जानाबुझे मन का ठिकान