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चैप्टर 1

28 मई 2024

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कशिश आज तेरा कॉलेज में पहला दिन है, जल्दी से तैयार हो जा और हां सुन घर की साफ़ सफाई कर के जाना ....उसकी मम्मी ने कहा

 

मम्मी थोड़ी देर और सोने देती, कितना अच्छा सपना देख रही थी ....आपको बस काम की पड़ी रहती है.... कशिश उठते हुए बोली और तुझे बस सपनो की पड़ी रहती है, इन सपनो से भी बहार निकला कर .... बहुत काम है करने के लिए

क्या मम्मी आप भी सुबह सुबह फिर से शुरू हो गयी.... एक मेरे ख़्वाब ही तो है जहाँ बस बस मुझे नहीं जानना तेरे ख्वाबों के बारे में

 

ठीक है मम्मी .... आप को तो काम की पड़ी रहती है, कम से कम आज तो मत करवाओ .... अगर करवाना है तो दीदी से करवा लो मैं क्यों करूँ तेरे हिस्से का काम, पहले ही मुझे बहुत सारे काम है, कॉलेज जाना ही है तो अपना काम कर के जा.... मानवी आते हुए बोली

 

ठीक है ज्यादा ज्ञान देने की जरुरत नहीं है किसी को, मैं झाडू लगाकर ही जाउंगी .... और सुनो दीदी नाश्ता बना लो हम नाश्ता तो करके ही जायेंगे और यह तो आपके हिस्से का काम है ना ..... कशिश ने मुस्कुराते हुए उसकी तरफ देखा .... उसकी मुस्कराहट में कुछ ऐसा था जो मानवी अंदर तक सुलग गयी और गुस्से से चली गयी

 

कशिश और मानवी दोनों बहने थी, मानवी 20 साल की थी, सांवली सी पतली सी और कम बोलने वाली

 

कशिश उसके बिलकुल उलट थी ....18 साल की कशिश बेहद खूबसूरत .... रंग बहुत ज्यादा गोरा सुनहरे बाल आँखे बड़ी बड़ी और बहुत ज्यादा बोलने वाली कशिश किसी की नहीं सुनती थी अपने मन की करती थी और मानवी चुपचाप

 

सबकी सुनती थी .... दोनों अलग थी लेकिन दोनों में प्यार बहुत था इनकी मम्मी एक हाउस वाइफ है और पापा एक कंपनी में जॉब करते है मानवी और कशिश दोनों ही पढ़ रही थी.... मानवी सेकिंड ईयर में थी जबकि कशिश ने कॉलेज अभी स्टार्ट किया था .....

कशिश जहाँ भी जाती सबको अपना बना लेती .... उसे बोलने की आदत थी, चुप रहना तो उसने सीखा ही नहीं था.... घर में उसी की वजह से रौनक लगी रहती थी

 

कशिश ने जल्दी से सफाई की और तैयार होने चली गयी कशिश तैयार हो गयी हो तो जल्दी आओ, कॉलेज के लिए देर हो रही है .... मानवी ने उसे आवाज़ लगायी आ रही हूँ दीदी ...कशिश ने ज़ोर से कहा इस लड़की को कब अक्ल आएगी कितनी बार कहा है धीरे बोला कर लेकिन यह किसी की सुने तब ना .... उसकी मम्मी बोली लो मैं आ गयी ... कशिश तैयार होकर आयी तो दोनों उसे ऊपर से नीचे तक देखने लगी तू ऐसे कॉलेज जायेगी .... मानवी ने कहा हां तो क्या हुआ ? कशिश ने पूछा वहां लड़के भी पढ़ते है तो क्या हो गया अगर वहां लड़के पढ़ते है तो.... मुझे यह सब ही अच्छा लगता है पहनने में मानवी इसको समझाना बेकार है.... जो पहन कर जा रही है जाने दे ... क्यों इसके चक्कर में लेट हो रही है... उसकी मम्मी ने कहा चलो और हां वहां ज्यादा किसी से कोई बात मत करना . मानवी ने उसे समझाया ठीक है अब चले वो दोनों कॉलेज पहुंची तो वहां जो लड़के लड़कियां खड़े थे सब कशिश को देखने लगे मैंने कहाँ था ना यह मत पहन कर जा देख सब तुझे ही देख रहे है ..... मानवी ने कहा क्या होता है.... 

तो देखने दो ना देखने से क्या होता है कशिश ने लापरवाही से कहा 

कुशव ने कशिश की तरफ देखा तो देखता रह गया खूबसूरत सी नाजुक सी .... सुनहरे बाल आँखे बड़ी बड़ी और मुस्कुराती हुई वो बेहद प्यारी लग रही थी

 

ब्लू कलर की जीन्स और पिंक कलर की टॉप पहने वो सबकी नज़रो में आ रही थी ...

 

सच में यह तो कॉलेज में सबसे अलग है....इस पर तो मेरा दिल आ गया है .... पुनीत आज से यह तेरी भाभी.... कुशव ने कहा

 

मानवी कशिश का हाथ पकड़कर उसे ऊपर कॉमन रूम में ले गयी ... वहां और भी लड़किया बैठी थी

 

तुझे बोला था यहाँ लड़किया सिर्फ सूट पहन कर आती है, लेकिन तूने सुननी कहाँ है ... मानवी ने धीरे से कहा

 

मानवी दीदी आप भी ना बेकार की टेंशन लेती है.... यह बताओ आपकी दोनों सहेलिया कहाँ है .... कशिश ने बात बदली

 

हेलो मानवी ..... वंदना और उमा दोनों उसके पास आयी

 

ओह हो आज तो कशिश का पहला दिन है कॉलेज में... वंदना ने उसके गाल खींचे नीचे सब इसी के बारे में बाते हो रही है.... यह है ही इतनी प्यारी और अलग ..... उमा ने उसके गाल पर हाथ रखा

 

देखो न उमा दी मानवी दी को मेरा यह जीन्स पहनना अच्छा नहीं लग रहा ... कब से मुँह फुला कर खड़ी है

अरे यार यह छोटी है ... क्यों मुँह बना रखा है ... कुछ दिन बाद खुद ही सूट पहन लेंगी .... वंदना ने कहा

 

तुझे पता है जब हम कॉलेज में आये तो सब हमारी तरफ ही देख रहे थे .... मानवी ने कहा  आपकी तरफ नहीं दी वो सब मेरी तरफ देख रहे थे.... कशिश ने उसकी बात "का जवाब दिया 

अरे यार तू क्यों इतनी सी बात को और हो जाएगी थोड़ा चेंज लेकर परेशान हो रही है, इतनी प्यारी सी है यह उमा ने कहा तो कशिश मुस्कुरा दी

 

अच्छा चलो अब सब क्लास लेने चले वंदना बोली

 

आज तेरी पहली क्लास है कोई शरारत मत करना और किसी से लड़ाई मत करना .. मानवी ने उसे समझाया

 

दीदी मैं कोई छोटी बच्ची नहीं हूँ... कुछ नहीं करूँगी आराम से जाकर बस क्लास लुंगी आप परेशान ना हो ....

 

वो तीनो अलग गयी और कशिश अपने क्लास की तरफ जाने लगी, उसे रास्ता नहीं पता था

 

सुनो यह बताओगे यह फर्स्ट ईयर की क्लास कहाँ लगती है.... कशिश ने एक लड़के से पूछा तो वो लड़का उसे ध्यान से देखने लगा ओह हेलो बाद में देख लेना आराम से, अभी मेरी क्लास का टाइम हो रहा है ... कशिश के कहने पर वो लड़का झेंप गया मैं भी फर्स्ट ईयर का हूँ ... आइये मेरे साथ चलिए.... वो लड़का चलने लगा तो कशिश उसके पीछे चलने लगी

 

कशिश उसी लड़के के साथ बेंच पर बैठ गयी

 

मेरा नाम कशिश है और आपका मुझे अयान कहते है .... वो मुस्कुराया वो दोनों हलकी फुलकी बाते करने लगे

हेलो गॉर्जियस .... कुशव अपने दोस्तों के साथ आया और कशिश की पीछे वाली सीट पर बैठ गया .... कशिश ने उसकी बात का कोई जबाब नहीं दिया

 

कुशव और उसके दोस्त मिलकर कशिश के ऊपर कमेंट करने लगे.... लेकिन कशिश

 

खामोश रही .... थोड़ी देर में प्रोफ़ेसर आ गए तो कुशव और उसके साथी उठकर

 

बहार चले गए यह अनिल सर थे जो इंग्लिश पढ़ाते थे, देखने में किसी हीरो से कम नहीं ....कॉलेज की आधी लड़किया उन सर के पीछे थी गुड मॉर्निंग एवरीवन ..... सर ने मुस्कुरा कर कहा

 

गुड मॉर्निंग सर .... सब एक साथ बोले सर सबका इंट्रोडक्शन लेने लगे.... उसके बाद सब पढ़ाई पर लग गए .... क्लास ख़त्म होने के बाद सब बहार जाने लगे ऐ सुनो .... कशिश ने अयान को आवाज़ लगायी

 

जी बोलिये .... वो रुका यह जो अभी हमारे क्लास में कुछ लड़के आये थे वो सर के आते ही अचानक चले क्यों गए क्यूंकि वो हमारे सीनियर है, वो जानबूझ कर जूनियर की क्लास में आते है उन्हें परेशान करने के लिए ओह हो तो यह बात है

 

मैं चलता हूँ मुझे लाइब्रेरी में कुछ काम है.... अयान चला गया और कशिश कॉमन रूम में आकर बैठ गयी.... अब उसकी क्लास एक घंटे बाद थी

 

कुछ देर में वो तीनो भी आ गयी थी कैसी रही पहली क्लास ... वंदना ने पूछा

 

अच्छी थी लेकिन सर तो उससे भी अच्छे थे. अनिल सर की बात कर रही हो.... उनका पढ़ाने का का तरीका कितना अच्छा है

 

अनिल सर सबको अच्छे लगते है .... लेकिन उनके बारे में ज्यादा मत सोचना वो पहले से ही एंगजेड है ...

 

उमा दी वो टीचर है ... ऐसा कुछ नहीं सोचा है ... वैसे भी मैं यहाँ सिर्फ पढ़ने आयी

 

हूँ ...क्यों मानवी दी .... कशिश ने मानवी से कहा

 

हम्म सही है .... मानवी ने कहा कशिश समोसे खायेगी ... यहाँ कैंटीन में बहुत अच्छे समोसे मिलते है .... उमा ने पूछा यह भी कोई पूछने वाली बात है ... चलिए

 

वो चारो कैंटीन पहुंची कुशव और उसका ग्रुप भी कैंटीन में आ गया

 

लो यह लोग यहाँ भी आ गए... चैन नहीं लगने देंगे.... मानवी ने धीरे से कहा आने दे ना यार, तुझे क्या परेशानी है वंदना रवि को देखकर मुस्कुराने लगी ... रवि और वंदना एक दूसरे को पसंद करते थे कुशव, रवि, विक्की और पुनीत का ग्रुप था ...

 

रवि वंदना को पसंद करता था और विक्की उमा को मानवी इन सब चक्करो में नहीं पड़ती थी.... उसे बस अपने काम से मतलब था .... और जब से कुशव ने कशिश को देखा तो वो उसका दीवाना हो गया

 

पुनीत यार आज इस कैंटीन की समोसो की बात ही कुछ अलग है यार ....कुशव ने कशिश की तरफ देखते हुए कहा

 

भाई यहाँ के समोसे तो हमेशा की तरह है... आज क्या खास बात है आज इस कैंटीन में कोई खास बैठा है ... कुशव की नजर अभी भी कशिश पर थी .... कशिश ने उसकी तरफ देखा और मुँह बना लिया अयान यहाँ आ जाओ .... कशिश ने अयान को आते देखकर कहा अयान मुस्कुराते हुए उनके पास आ गया मानवी दी यह अयान है मेरा क्लासमेट .... कशिश ने उसका इंट्रोडक्शन दिया हेलो ... अयान ने उन तीनो की तरफ देखकर कहा

 

समोसे खाओगे .... कशिश ने पूछा नहीं .... अयान ने मना कर दिया ... ऐसे कैसे नहीं खाओगे अब जब कैंटीन में आये हो खाकर ही जाओगे .... कशिश ने उसके लिए भी समोसे मंगवा लिए कुशव गुस्से से अयान को देखने लगा

 

अच्छा कशिश चलता हूँ क्लास का टाइम हो रहा है.... अयान को कुशव की नज़रे महसूस हो गयी थी

 

क्या बात है कशिश आते ही दोस्ती भी हो गयी.... उमा ने कहा अरे दी ऐसी कोई बात नहीं है.... अयान मेरा क्लासमेट है बस .... अच्छा लड़का है

 

एक ही मुलाकात में पता चल गया .... वंदना ने पूछा कशिश तू अपनी पढ़ाई पर ध्यान दे बस ... मानवी ने कहा तो कशिश ने अपनी गर्दन हिला दी

 

जैसे ही अयान उठकर बहार गया... कुशव भी उसके पीछे गया ऐ सुन ... कुशव ने अयान को आवाज़ लगायी

 

जी कहिये .... यहाँ तो पढ़ने आया है तो उसी पर ध्यान दे  बाकि कही और देखने की जरुरत नहीं है आपका कहने का क्या मतलब है.... अयान की समझ में नहीं आया अयान चले क्लास का टाइम हो गया है.... कशिश आते हुए बोली तो कुशव अयान को देखते हुए वहां से चला गया क्या हुआ यह तुमसे क्या बोल रहा था मेरी समझ में नहीं आया.... छोड़ो इन लोगो को ... क्लास का टाइम हो रहा है .... अयान ने कहा तो कशिश उसके साथ चल दी

 

भाई भाभी तो उस लंगूर के साथ चली गयी.... पुनीत ने कहा जाने दे यार ... जल्दी ही वो मेरे साथ नज़र आया करेगी

 

कशिश कॉलेज में जल्दी ही फेमस हो गयी... उसके कपडे पहनने का तरीका अलग था और वो थी भी सबसे अलग .... डरना तो उसे आता ही नहीं था ... कुशव उसके पीछे पागल था .... कशिश उसे भाव तक नहीं देती थी

 

अयान उसका दोस्त बन गया था दोनों साथ ही बैठते थे दो दिन से अयान कशिश से दूरी बनाने लगा... कशिश उससे बात करने की कोशिश करती तो वो वहां से चला जाता

 

जब वो तुमसे बात नहीं करना चाहता तो क्यों उसके पीछे पड़ी हो .... कुशव ने उसका रास्ता रोका

 

मेरे रास्ते से हट जाओ वर्ना मैं भूल जाउंगी की तुम मेरे सीनियर हो .... कशिश ने उसे गुस्से से देखा

 

हाय तुम्हारी यह अदा ...गुस्से में तो और भी हसीन लग रही हो हटते हो मेरे रास्ते से या गॉर्ड को आवाज़ लगाऊ

मेरी जान तुम जैसा कहोगी वैसा ही होगा .... लेकिन तुम उस बन्दर से बात मत करो

 

तुम हो कौन जिसकी बात मैं सुनूं ... मैं किसी से भी बात करूँ या ना करूँ ... अपने काम से काम रखो .... कशिश ने उसे एक साइड किया और क्लास की तरफ बढ़ गयी

 

कुशव क्यों परेशान करता है कशिश को .... विक्की ने कहा यार इसे पसंद करता हूँ मैं और एक यह है जब देखो उस बन्दर से बात करती नज़र आती है

 

तू बात भी तो उससे उलटी ही करता है उससे ...खूबसूरत लड़कियों से खूबसूरत बाते की जाती है .... विक्की ने उसे समझाया क्या करूँ यार वो तो मेरी तरफ देखती भी नहीं और जब देखती है तो गुस्से से .... तू भी तो कम नहीं है बेकार में उसे परेशान करता है तो क्या करूँ ..... बताओ

 

कल उमा मुझसे मिलने आ रही है, मैं उससे बोल दूंगा कशिश को साथ ले आये ....तू उससे अच्छे से बात कर लेना थैंक यू यार ....मैं कल उससे अच्छे से बात करूँगा और उसके लिए कोई गिफ्ट भी ले आऊंगा ..... वो जरूर मान जायेगी

 

यह हुई ना बात..... विक्की ने मुस्कुराते हुए कहा

 

क्रमश : बाकि अगले भाग में 

मीनू द्विवेदी वैदेही

मीनू द्विवेदी वैदेही

बहुत सुंदर और सजीव लिखा है आपने बहन 👌👌 आप मेरी कहानी प्रतिउतर और प्यार का प्रतिशोध पर अपनी समीक्षा और लाइक जरूर करें 🙏

30 मई 2024

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kashish ek garib pariwar ki ladki jiska sapna sirf kisi rajkumar se shadi krna hai kya uska ye sapna pura ho payega ya nahi

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