चिन्ता नेताम " मन "
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मैं अपनी भावनाओं को व्यक्त करता हुआ एक मन हूं....
//...होली में...// रंगों से रंग मिले , सब के सब , हो गए एक संग ...! तेरा दिल मेरा दिल दिलों से दिल मिले हो गए एक मन ...! इस बरस होली में , मैं और तुम मिले , हो गए एक हम ...! फिर जैसे कोई , नई शुरुआत हुई , चलने लगा जीवन ...! चिन्ता नेताम " मन " डोंगरगांव ( छत्तीसगढ़ )
19 मार्च 2022
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// बेवफा कहां लिखते हैं .......
15 मार्च 2022
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