आज हर कोई हाथ जोड़ता,
प्यार से गले लगता,
समस्याएं ध्यान से सुनता,
पदयात्राएं करता,
गरीबों के साथ खाना खाता,
उन्हें अपना भाई बताता,
बच्चों में मिठाई बांटता,
बड़ों को गाड़ी में सैर करवाता,
लड़कीयों साइकल दिलाता,
विद्यार्थियों में लैपटॉप बांटता,
सवाल ये उठता,
यकायक बदलाव का बिगुल कैसे बजता,
लगता है चुनाव आ गया।
शर्मा जी का ट्रांसफर,
तुरंत हो गया,
सड़क को मक्खन की तरह,
मुलायम बना दिया,
बिजली का बिल माफ करवा दिया,
अस्पताल में विशेषज्ञ लगवा दिया,
स्कुल हायर सेकंडरी बनवा दिया,
लेकिन ये सब क्या हो गया,
सरकार तो कठिनाई में थी,
फिर धन कहां से आ गया,
लगता है चुनाव आ गया।