31 दिसम्बर 2021
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D
Very nice
बहुत बढ़िया कविता 👍
<p>आज हर कोई हाथ जोड़ता,</p> <p>प्यार से गले लगता,</p> <p>समस्याएं ध्यान से सुनता,</p> <p>पदयात्र
<p>आया 14 नबंबर,</p> <p>बच्चों का दिन,</p> <p>स्वर्गीय चाचा नेहरू का जन्म दिन,</p> <p>करते थे बच्
<p>आज विज्ञान का युग,</p> <p>टैक्नोलॉजी का महिमा मंडल,</p> <p>हर बात तर्क़ वितरक निर्धारित करते,</
<div>ये दुनिया भांति भांति के प्राणीयों से भरी हुई है। इनमें कुछ अच्छे कुछ बुरें हैं। कुछ झूठे हैं।क
<div>सर्दी का आगमन,</div><div>बाहर कुर्सी लगाकर बैठना,</div><div>और घंटों धूप का सेंकना,</div><div>स
<div>आज महामारी का समय,</div><div>कई सावधानीयों का उपयोग,</div><div>सोशल डिस्टैंसिंग रखिए,</div><div
<div>अगर कोई पूछे,</div><div>सप्ताह का सबसे प्यारा दिन,</div><div>तो मैं कहूंगा रविवार।</div><div><b
<div>एक बार,</div><div>काम निकला,</div><div>मैं भी पहुंचा,</div><div>दफ्तर के अंदर,</div><div>चारों
<div>नबंबर होने जा रहा खत्म,</div><div>तापमान भी लूढ़का,</div><div>सुरज भी देरी से निकलता,</div><div
<div>सरकार के तीन कानून,</div><div>किसानों को नहीं आए पसंद,</div><div>किया जोर शोर से विरोध,</div><d
<div>हमारे यहां ट्रैफिक है,</div><div>बड़ा बेढंगा,</div><div>सब मनमानी करते,</div><div>जहां मर्जी से
<div>दिसंबर का पहला सप्ताह खत्म,</div><div>बारिश का कोई नहीं चिन्ह,</div><div>धूप में है,</div><div>
<div>सरकार ने,</div><div>किसानों की बातें मानी,</div><div>लिखीत में दिया,</div><div>आंदोलन वापस लेने
<div>आज फिर से,</div><div>चुनाव का मौसम,</div><div>हर कोई उतर आया है,</div><div>अपने अपने,</div><div
<div>मैं हूं अकेला,</div><div>नहीं कोई संगी साथी,</div><div>लैपटॉप और मोबाइल के सहारे,</div><div>दि
<div>अब हुआ,</div><div>2021 का अंत,</div><div>रहा कुछ मिश्रित,</div><div>कई बार उपर गये,</div><div>ट