इस पुस्तक में आपको मेरे जीवन के बारे में ,समाज के बारे में, आसपास प्रचलित मान्यताओं के बारे में, मेरे विचार पढ़ने को मिलेंगे । अन्याय मैं सहती नहीं सच कहने से डरती नहीं दुख की प्रबल धाराओं में हार कर बहती नहीं। . .
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1 अप्रैल को मूर्ख दिवस मनाने का रिवाज विदेशी पृष्ठभूमि से भारत में आया। हम भारतीय तो पहले से ही मूर्ख है बिना सोचे समझे, बिना इसका कारण जाने इसे भी पश्चिम के अंधानुकरण में सहजता से अपना लिया कभी इसके
कहीं मुझे यह वाक्य पढने को मिला था "जिसकी जवानी उसका जमाना "पर ऐसा सोचना मेरे नजरिए में अनुचित है। यह बात अलग है कि युवा व्यक्ति नई ऊर्जा नयी, जोश और उत्साह से भरा होता है ।उसकी नई सोच नई कल्पनाए
मेरे नजरिये में प्रेम बहुत ही गूढ शब्द है जिसे शब्दों में बयां कर पाना अत्यंत ही मुश्किल है। यह एक अनुभूति है ,लगाव है ।प्रेम का स्वभाव एक ही है परंतु उसके रूप अनेक है ।माता पिता का अपने संतति के प्रत
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9/4/22प्यारी सखी ,आज बहुत दिन बाद अपने मन को तुम्हारे सामने खोलने की इच्छा पड रही है ।वर्षों से अपने जज्बातों को खुद में जब्त किये जिन्दगी के प्रवाह मे जिये जा रहीं हूँ ।सखी वैसे तो हर इंसान के जीवन म