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मूर्ख दिवस

1 अप्रैल 2022

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1 अप्रैल को मूर्ख दिवस मनाने का रिवाज विदेशी पृष्ठभूमि से भारत में आया। हम भारतीय तो पहले से ही मूर्ख है बिना सोचे समझे, बिना इसका कारण जाने इसे भी पश्चिम के अंधानुकरण में सहजता से अपना लिया कभी इसके मूल कारण को जानने का प्रयत्न नहीं किया ।वैसे वर्तमान समय में मूर्ख दिवस मनाने के लिए दो मान्यताएं प्रचलित हैं। 1381मे  पहली बार इंग्लैंड में 1 अप्रैल को मूर्ख दिवस मनाया गया इंग्लैंड के राजा रिचर्ड द्वितीय ने अपनी सगाई का ऐलान किया 32 मार्च किया क्योंकि कैलेंडर में 32 मार्च होते होते नहीं थे इंग्लैंड की जनता ने मूर्खता से सगाई की तैयारियां शुरू कर दीजिए इसलिए 1 अप्रैल को मूर्ख दिवस के रूप में मनाया जाने लगा ।दूसरा कारण फ्रांस में 1582 में पोप चार्ल्स ने पुराने कैलेंडर की जगह नया कैलेंडर शुरू किया । परंतु कुछ नागरिक पुराने कैलेंडर के अनुसार ही नया साल मना रहे थे ।उन लोगों को अप्रैल फूल कहा गया। भारत में अप्रैल फूल मनाने की शुरुआत उन्नीस सौ में अंग्रेजों के आगमन के उपरांत हुई क्योंकि हम भारतीयों के पंचांग के अनुसार नव वर्ष चैत्र माह से ही मनाया जाता है और अंग्रेजों के निगाह  में हम भारतीय मूर्ख थे अतः भारत में भी हम भारतीयों की मूर्खता पर मूर्ख दिवस मनाने का चलन प्रारंभ हुआ ।यदि गहराई से देखा जाए तो वास्तव में प्रकृति भी अपना नव रूप इसी माह में धारण करती है चैत्र माह में नई फसलें तैयार हो जाती है ,गेहूं, चना, मसूर इत्यादिअनाज इसी महीने में तैयार होते हैं. वहीं  पतझड़ के बाद सभी वृक्षों में नवीन कोपले आती है आम के नवीन फल भी इसी सीजन मे आतें हैं भी इसी माह मेंआदि शक्ति जगदम्बा की नवरात्रि मनाई जाती हैं ।अतः अब हमे सोचना है कि हम मूर्ख दिवस मनाते हैं या भारतीय नववर्ष ।


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रचनाएँ
दैनंदिनी मन की आवाज
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इस पुस्तक में आपको मेरे जीवन के बारे में ,समाज के बारे में, आसपास प्रचलित मान्यताओं के बारे में, मेरे विचार पढ़ने को मिलेंगे । अन्याय मैं सहती नहीं सच कहने से डरती नहीं दुख की प्रबल धाराओं में हार कर बहती नहीं। . .
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मूर्ख दिवस

1 अप्रैल 2022
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1 अप्रैल को मूर्ख दिवस मनाने का रिवाज विदेशी पृष्ठभूमि से भारत में आया। हम भारतीय तो पहले से ही मूर्ख है बिना सोचे समझे, बिना इसका कारण जाने इसे भी पश्चिम के अंधानुकरण में सहजता से अपना लिया कभी इसके

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हमशे है जमाना

5 अप्रैल 2022
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कहीं मुझे यह वाक्य पढने को मिला था "जिसकी जवानी उसका जमाना "पर ऐसा सोचना मेरे नजरिए में अनुचित है। यह बात अलग है कि युवा व्यक्ति नई ऊर्जा नयी, जोश और उत्साह से भरा होता है ।उसकी नई सोच नई कल्पनाए

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प्रेम

6 अप्रैल 2022
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मेरे नजरिये में प्रेम बहुत ही गूढ शब्द है जिसे शब्दों में बयां कर पाना अत्यंत ही मुश्किल है। यह एक अनुभूति है ,लगाव है ।प्रेम का स्वभाव एक ही है परंतु उसके रूप अनेक है ।माता पिता का अपने संतति के प्रत

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मित्रता

7 अप्रैल 2022
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<div><img style="background: gray;" src="https://shabd.s3.us-east-2.amazonaws.com/articles/61728b208b70523f4ff91fc0_1649338830020.jpg"></div>

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7 अप्रैल 2022
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प्यारी सखी

9 अप्रैल 2022
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9/4/22प्यारी सखी ,आज बहुत दिन बाद अपने मन को तुम्हारे सामने खोलने की इच्छा पड रही है ।वर्षों से अपने जज्बातों को खुद में जब्त किये जिन्दगी के प्रवाह मे जिये जा रहीं हूँ ।सखी वैसे तो हर इंसान के जीवन म

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