जीवन के विभिन्न पहलुओं को दर्शाती, स्त्री विशेष कहानियों का संग्रह है यह पुस्तक lइसमें नारी के संघर्ष, प्रेम ,तिरस्कार और साहस जैसे विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला गया हैl
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जीजी..... जीजी दरवाजा तो खोलो कब से मैं बाहर खड़ी हूंl " बहु देख तो जरा बाहर , मुन्ना की अम्मा आई है कब से गला फाड़े जा रही है, दरवाजा खोल दे........
शहर की सूनसान सडक पर एक परछाईं चलती हुई नजर आ रही थी ।जिसे देख सडक के किनारे खडे कुछ मनचले लडकों की आँखें चमकने लगी । सभी आपस मे बात करनें लगे ....... रवी देख तो इधर कोई पटाखा चली आ रही है,लगता है आज
""अंजू ""आओ ऊपर चलें, वहाँ आराम से हम लोग खेल, खेल सकेगें lमैंने ढेर सारी चॉकलेट रखी हैं तुम्हारे लिए छत पर l चॉकलेट...... चलिए न जल्दी से मुझे चॉकलेट दे दीजिये, वो मुझे बहुत पसंद है l हाँ, हाँ पता ह
भोर ने दस्तक दे दी थी, सूर्य की लालिमा चारों तरफ आकाश में फैल रही थी, पक्षियों की चहचहाहट वातावरण को गुंजायमान कर रही थीl lसूरज से पहले उठने वाला विशाल बिस्तर पर ही करवटें ले र