यह पुस्तक जीवन का दर्पण है जो हमें स्वयं को प्रतिबिंबित कर स्वयं को सुधारने का अवसर प्रदान करती है ।
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<div align="left"><p dir="ltr">शक की कुछ बूंदे <br> जहर की बूंदों की तरह<br> विश्वास की डोर को<br> प
<div align="left"><p dir="ltr">"प्रेरणा ,एक सोए हुए व्यक्ति और उसके ग्यान को जगाने के लिए उत्प
<div align="left"><p dir="ltr">"आदेश और दबाव की जगह प्रेम से कार्य सहजता से करायें जा सकतें हैं।"<br
<div align="left"><p dir="ltr">"बस थोड़ी सी रोशनी, गहन अंधकार को चीरने के लिए पर्याप्त होती है।<br>
<div>वक्त का पीछा हम उम्र भर करते रहे ,</div><div>वक्त तो निकल गया हम हाथ ही मिलते रहे।</div><div><b
<div>दुनिया में जीना आसां नहीं होता,</div><div>गम का जहर पीना आसां नहीं होता।</div><div>लगती है हर प
<div align="left"><p dir="ltr">जिंदगी में सब कुछ हासिल नहीं किया जा सकता जो हासिल है उसे बेहतर बनाने
<div align="left"><p dir="ltr">समय और परिस्थितियों के अनुसार बदलते रहना चाहिए, एक रूढि पर कायम होकर
न जाने कितने इम्तिहानलेती है जिंदगी सांसे चलती है मगर जान लेती है जिंदगी चुनचुन के मुश्किलें डालती है झोली में कौन किसके लिए पहचान लेती है जिंदगी
पत्तों पर ओस सी क्षणभंगुर जिंदगी मनमोहक चमक दार आकषर्क जिंदगी ।लाखो रंग समेटे दामन में अपने नित नये रंग मे रंगने को आतुर जिंदगीजीवन के हर पडाव में था कारवाँ साथ में.
ईश्वर की तलाश में मंदिर जाने की जरूरत नहीं है। किसी जरूरतमंद के दरवाजे जाकर उसकी मदद कर देना सबसे बड़ी पूजा है।
समय के साथ व्यक्ति बहुत कुछ सीख जाता है lऔर सीखता भी वही है जिसे सीखने की उत्कंठा हो। सीखने की कोई निश्चित समय सीमा नहीं होती,हम मृत्यु पर्यंत कुछ न कुछ सीखते ही रहते हैं।
जीवन भर हम, दूसरों पर अपने नियम और कानून थोपते रहते हैं। परंतु मृत्यु के समय प्रकृति के नियम सर्वोपरि हो जाते हैं।
विश्व में केवल मानव धर्म ही सर्वोपरि है, बाकी सभी महज एक बंधन है।
अतीत दर्द भरा हो तो भूल जाना अच्छा हर जख्म पर मरहम लगाना अच्छा जालिम जमाने को दिखाने से बेहतर हर जख्म खुद को दिखाना अच्छा
जीवन भर हम यह सोचते रहते हैं कि ,हमारे जाने के बाद या घर परिवार बिखर जाएगा। हम परिवार का एक जरूरी अंग है ।परंतु किसी के जाने ना जाने से दुनिया नहीं रुकती यह संसार उसी तरह सुचारू रूप से चलता रहेगा सिर्