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अनमोल कथन

इन्दू गुप्ता

18 अध्याय
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13 पाठक
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यह पुस्तक जीवन का दर्पण है जो हमें स्वयं को प्रतिबिंबित कर स्वयं को सुधारने का अवसर प्रदान करती है । 

anmol kathan

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पुस्तक के भाग

1

शक की बूंदें

23 दिसम्बर 2021
5
1
2

<div align="left"><p dir="ltr">शक की कुछ बूंदे <br> जहर की बूंदों की तरह<br> विश्वास की डोर को<br> प

2

प्रेरणा

23 दिसम्बर 2021
4
2
0

<div align="left"><p dir="ltr">"प्रेरणा ,एक सोए हुए व्यक्ति और उसके ग्यान को जगाने के लिए उत्प

3

प्रेम

23 दिसम्बर 2021
4
2
0

<div align="left"><p dir="ltr">"आदेश और दबाव की जगह प्रेम से कार्य सहजता से करायें जा सकतें हैं।"<br

4

रोशनी

23 दिसम्बर 2021
2
0
0

<div align="left"><p dir="ltr">"बस थोड़ी सी रोशनी, गहन अंधकार को चीरने के लिए पर्याप्त होती है।<br>

5

रोशनी

23 दिसम्बर 2021
3
2
4

<div align="left"><p dir="ltr">"बस थोड़ी सी रोशनी, गहन अंधकार को चीरने के लिए पर्याप्त होती है।<br>

6

"वक्त"

24 दिसम्बर 2021
1
0
0

<div>वक्त का पीछा हम उम्र भर करते रहे ,</div><div>वक्त तो निकल गया हम हाथ ही मिलते रहे।</div><div><b

7

दुनिया

24 दिसम्बर 2021
1
0
0

<div>दुनिया में जीना आसां नहीं होता,</div><div>गम का जहर पीना आसां नहीं होता।</div><div>लगती है हर प

8

जिन्दगी

24 दिसम्बर 2021
1
0
0

<div align="left"><p dir="ltr">जिंदगी में सब कुछ हासिल नहीं किया जा सकता जो हासिल है उसे बेहतर बनाने

9

बदलाव

24 दिसम्बर 2021
1
0
0

<div align="left"><p dir="ltr">समय और परिस्थितियों के अनुसार बदलते रहना चाहिए, एक रूढि पर कायम होकर

10

बदलाव

24 दिसम्बर 2021
2
1
0

<div align="left"><p dir="ltr">समय और परिस्थितियों के अनुसार बदलते रहना चाहिए, एक रूढि पर कायम होकर

11

जिन्दगी

29 जनवरी 2022
3
1
1

न जाने कितने इम्तिहानलेती है जिंदगी सांसे चलती है मगर जान लेती है जिंदगी चुनचुन के मुश्किलें डालती है झोली में कौन किसके लिए पहचान लेती है जिंदगी

12

झण भंगुर जिंदगी

31 मार्च 2022
2
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पत्तों पर ओस सी क्षणभंगुर जिंदगी मनमोहक चमक दार आकषर्क जिंदगी ।लाखो रंग समेटे दामन में अपने नित नये रंग मे रंगने को आतुर जिंदगीजीवन के हर पडाव में था कारवाँ साथ में.

13

ईश्वर की तलाश

1 अप्रैल 2022
0
0
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ईश्वर की तलाश में मंदिर जाने की जरूरत नहीं है। किसी जरूरतमंद के दरवाजे जाकर उसकी मदद कर देना सबसे बड़ी पूजा है।

14

सीख

1 अप्रैल 2022
1
1
2

समय के साथ व्यक्ति बहुत कुछ सीख जाता है lऔर सीखता भी वही है जिसे सीखने की उत्कंठा हो। सीखने की कोई निश्चित समय सीमा नहीं होती,हम मृत्यु पर्यंत कुछ न कुछ सीखते ही रहते हैं।

15

नियम

7 अप्रैल 2022
0
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जीवन भर हम, दूसरों पर अपने नियम और कानून थोपते रहते हैं। परंतु मृत्यु के समय प्रकृति के नियम सर्वोपरि हो जाते हैं।

16

मानव धर्म

7 अप्रैल 2022
1
1
2

विश्व में केवल मानव धर्म ही सर्वोपरि है, बाकी सभी महज एक बंधन है।

17

अतीत

8 अप्रैल 2022
1
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अतीत दर्द भरा हो तो भूल जाना अच्छा हर जख्म पर मरहम लगाना अच्छा जालिम जमाने को दिखाने से बेहतर हर जख्म खुद को दिखाना अच्छा

18

हमारा वजूद

9 अप्रैल 2022
2
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जीवन भर हम यह सोचते रहते हैं कि ,हमारे जाने के बाद या घर परिवार बिखर जाएगा। हम परिवार का एक जरूरी अंग है ।परंतु किसी के जाने ना जाने से दुनिया नहीं रुकती यह संसार उसी तरह सुचारू रूप से चलता रहेगा सिर्

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