9/4/22
प्यारी सखी ,आज बहुत दिन बाद अपने मन को तुम्हारे सामने खोलने की इच्छा पड रही है ।वर्षों से अपने जज्बातों को खुद में जब्त किये जिन्दगी के प्रवाह मे जिये जा रहीं हूँ ।
सखी वैसे तो हर इंसान के जीवन मे उतार -चढाव आते ही रहते हैं ।सुख और दुख जीवन का अहम हिस्सा होतें है ।जिनके साथ ही जिन्दगी जी जाती है ।वैसे मुश्किलों मे भी मुस्कुराना मुझे आता है ,पर पिछले दो सालों से परेशानियों को मैं पसंद आ गई हूँ ,इसीलिए वो मेरा साँथ छोडने को तैयार ही नहीं हैं ।
जब चारो तरफ अंधकार हो तब दीपक कीरोशनी भी बहुत सहायक होती है ऐसे ही मेरे लिए शब्दin प्लेटफार्म पर लिखना है । जानती हो सखी हाल ही मे मैने बेस्ट आर्टिकल राईटर का पुरूस्कार जीता है ।पुरस्कार की रकम से जादा लेखक के रुप में स्वयं को साबित करने की खुशी है ।
कल जब मैने अप्रैल पुस्तक लेखन प्रतियोगिता के लिए लिखी जाने वाली रचना सिन्धू ताई का अगला भाग डालने के लियू ऐप खोला तो शब्द इन टीम के द्वारा मेरा कवर पृष्ठ बदल दिया गया जो मेरे द्वारा लगाये गये कवर पृष्ठ से काफी बेहतर है ।मुझ बहुत खुशी हुई इसके लिए मैं शब्द इन टीम को धन्यवाद कहती हूँ ।
गैरों में खुद की पहचान की ख्वाहिश है।
अपननो मे हर पल आजमाईश है
खुद के वजूद को तलाशती रही उम्रभर
अब खुद के लिए जीने की ख्वाहिश है
अलविदा सखी जल्द ही तुमसे फिर मुलाकात होगी।