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लो खां कल्लो बात "हसबेंड" व्यंग

29 जनवरी 2023

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हसबेंड

खबरों में रोज नया फिजूका पढ़ कर चच्चा रोज की तरह आज भी आ धमके थे. सोचा था आज रविवार यनि छुट्टी का दिन हैं तो थोड़ा आराम से उठा जाए लेकिन ऐसा हर रविवार को भी नहीं हो सकता था. मंजू नें मुझे उठाते हुए कहा...
अब उठ भी जाओ... मुझे पता हैं आप चादर से मुंह ढ़के ढ़के हुए सब सुन रहे हो.. वहा आपके चच्चा जान आपका इंतज़ार कर रहे हैं जाओ उनके दिलों दीमाग में लगी आग को शांत करों और जल्दी से चलता करों उन्हें..
और इतना कह कर मंजू वहा से चली गई
ये चच्चा को भी चैन नहीं हैं...पता नहीं ये आदमी भी कैसे पूरी रात सोता होगा.
मैं बुद-बुदातें हुए बिस्तर से उठ कर बहार वाले कमरे की तरफ को निकला था तभी मंजू नें मुझे फिर टोका
कम से कम मुंह तो धो लेते
हां धो लूंगा उन्हें मैं अभी चलता करके आता हूं
मंजू मेरी बात पर हंसने लगी थी उसको हंसता हुआ देख कर मैंने पूछा था
क्यों क्या हुआ...?
आपकी बात पर हंसी आ रही हैं.. अगर आज आप उन्हें दस मिनट में चलता करके आएंगे तो ये बेहद ही ऐतिहासिक पल होगा मेरे लिए.. और शायद आपके लिए भी
मैं बगैर किसी प्रतिक्रिया के चुपचाप चच्चा के पास चला आया..
चच्चा की बड़ी बड़ी आंखे लेंस युक्त चश्मे से देखते हुए मेरा बेसब्री से इंतज़ार कर रहे थे मुझे जैसे ही उन्होंने मुझे आते देखा तो खनकती हुई आवाज बोले
लो खां कल्लो बात... ज़माना कब का जाग चुका हैं और जुगनू मिया तुम हो के अभी तलक बिस्तर में घुसे पड़े हो मियां ज़माने में कित्ता हल्ला हो रिया हैं
मैंने बैठते हुए चच्चा से पूछा
अब किस बात का हल्ला हो गया चच्चा...?
मियां आप ऐसेई सोते रओगे तो कैसे पता चलेगा
लो कल्लो बात... मिडिया के आदमी हो के भी अंजान हो तो तुमारे मिडिया में होने का क्या मतलब हैं खैर छोड़ो... मुद्दे की बात ये हैं
वो उठ कर मेरे पास आकर बैठ गए और कान में बुदबुदाते हुए बोले
दुनियां में जितने भी पति, शोहर हैं वो सब "हसबेंड" के नाम पे उनका भोत बबाल हो रिया हैं जुगनू भाई
मतलब...?
लो कल्लो बात अब मतलब भी हमी को बताना पड़ेगा...?
चच्चा जी मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा हैं आप क्या कहना चाह रहे हैं...
देखों मियां आज कल जननियों नें पति और शोहर का जो इंग्लिशीकरण हसबेंड का जो ट्रेंड अपना रखा हैं उसके बारे में आप कुछ जानते भी हैं के ऐसेई कैमरा के सामने उलजुलूल बकते हो....? मना के आप न्यूज़ चैनल में हैं लेकिन एकाद मरतवा अखबार पे भी ये नज़रे फेर लिया करो..?
चच्चा आज क्या हैं..?
इतवार हैं मियां आज तो..
तो आज के दिन मेरी छुट्टी रहती हैं और छुट्टी के दिन में ना तो अखबार पढ़ता हूं और ना ही टीवी देखता हूं
यार तुम कैसे पतरकार हो मियां आज के दिन भी तो दुनियां की खबरें छपती ही हैं वो खबरें भी तो पतरकार ही छापते होंगे...?
वो सब तो ठीक हैं चच्चा आप मुद्दे की बात करों
तो मिया मुद्दे की बात ये हैं के क्या आप हसबेंड का मतलब जानते हैं...?
हां हां दुनियां का हर आदमी इसका मतलब जनता हैं और शायद आप भी जानते ही होंगे...?
लो कल्लो बात अभी तलक तो नहीं जानते थे लेकिन ये.... ये... अख़बार देखों मियां..इसे पढ़ के सब जान जाओगे.
चच्चा नें फ़ौरन अपने कुर्ते की जेब में हाथ डाल के अखबार का पन्ना निकला और उसे खोलते हुए मेरे हाथ में थमा दिया
लो खां ये रहा हसबेंड का मतलब वाला पन्ना मुझे थमा दिया
लो पढ़ लो... पूरे देश की क्या दुनियां जहां की जनानिया इस पे बबाल काट रई हैं... इन अखबार वालों को पता नई कौन सी सुर्र छुटती हैं के छाप देते हैं वेरसर पैर की बातें बड़े वकोडिगामा की औलादे होये जा रिए हैं कान खोल के सुन लो जुगनू मियां सब जगे चलेगा झा नई चलेगा
चच्चा अब जरा मुझे सुकूं से पढ़ तो लेने दो...
पढ़ लो मिया इत्मीनान से पढ़ लो ना तुम्हारे कान खड़े हो जाए तो केना...?
मैंने अखबार का पन्ना मोड़ते हुए उन्हें दें दिया
लो हो गया समझ गया में..
ए... क्या तुम्हारी आंखे सिटिस्केन हो रखी हैं क्या जुगनू मियां..ऐसे केसे हो गिया..आप तो कमाल कर रिए हो..? हम इत्ते भी पैदल नई हैं के तुम हमें मामू बना दो
तो फिर आप थोड़ा चुप रहो....
लो कल्लो बात...
चच्चा नें अपने दोनों पैर सोफे में सीमेंट लिए और मेरी तरफ ताकने लगे
लो मिया अब क्या देख रहे हो खबर हमारे चौकटे पे थोड़े छपी हैं
मैंने अपने दोनों हाथ जोड़े और जल्दी से अखबार के पन्ने को खोल कर छपे हुए आर्टिकल को पढ़ने लगा

Husband शब्द का मतलब जानते हैं आप? मीनिंग जानकर महिलाओं को तो गुस्सा ही आ जाएगा
Husband Meaning: कई जगह ऐसी हैं, जहां की महिलाएं अपने पतियों को हसबैंड नहीं कहना चाहती हैं. हसबैंड शब्द से महिलाओं की यह परेशानी आज से नहीं बल्कि अमेरिका में शुरू हुए फेमिनिस्ट आंदोलन है.

Husband शब्द का मतलब जानते हैं आप? मीनिंग जानकर महिलाओं को तो गुस्सा ही आ जाएगा
क्या आप जानते हैं हस्बैंड का मतलब

Meaning Of Husband: हमारे समाज में आज भी पुरुषों को महिलाओं से श्रेष्ठ माना जाता है. यह केवल हम नहीं अंग्रेजी में पति के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द 'हसबैंड' (Husband) का मतलब कहता है. जी हां, हसबैंड शब्द को बराबर नहीं माना जा रहा है. इसे लेकर पिछले दिनों सोशल मीडिया पर काफी बातें भी हुई थीं. पति को इंग्लिश में हसबैंड कहते हैं, लेकिन अब तक हमने कभी भी ये नहीं सोचा कि आखिर इसका मतलब क्या हो सकता है? इसका अर्थ बताने के साथ ही हम आपको बताएंगे कि आखिर इस शब्द को लेकर इतनी बहस क्यों छिड़ी...
 
क्या हसबैंड शब्द से महिलाओं को परेशानी है
बता दें कि अब महिलाएं अपने पतियों को हसबैंड नहीं कहना चाह रही हैं. दरअसल, हसबैंड शब्द से अब उन्हें दिक्कत शुरू हो गई है. इसके लिए काफी हद तक जिम्मेदार है अमेरिका में शुरू हुआ फेमिनिस्ट आंदोलन. इसकी शुरुआत हुई थी 'न्यूयॉर्क पोस्ट' की एक रिपोर्ट से, जिसमें अमेरिकी नागरिक ऑड्रा फिगेराल्ड (Audra Fitzgerald) ने अपना स्टेटमेंट दिया था. जिसके मुताबिक ऑड्रा अपने पति को हसबैंड नहीं, बल्कि wer कहती हैं. इस शब्द का हिंदी में अर्थ भी पति ही होता है. 
 
कौन हैं ऑड्रा फिगेराल्ड
दरअसल, ऑड्रा एक फेमिनिस्ट एक्टिविस्ट हैं, जिन्होंने इस आंदोलन की शुरुआत की. ऑड्रा के ये स्टेटमेंट देते ही पूरी दुनिया से लाखों महिलाओं ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी. ऑड्रा के मुताबिक इसका मुख्य वजह हसबैंड शब्द का मतलब, जो लोगों को सही नहीं लग रहा है. दरअसल, यह काफी मिसोजिनिस्ट या पुरुषवादी मानसिकता का शब्द है
 
हसबैंड शब्द का मतलब क्या है? 
इसे लैटिन भाषा से बनाया गया है. इसमें Hus का मतलब घर या हाउस है और BAND शब्द का मतलब जमीन या प्रॉपर्टी से लिया जाता है, जिसका अर्थ है घर का मालिक. इसकी शुरुआत hūsbōndi शब्द से हुई, यानी मकान मालिक और अंग्रेजी में इसे हसबैंड कहा गया. बता दें कि इस शब्द को Husbandry से भी जोड़कर देखा जाता है, जिसका मतलब है पक्षी, पशु, खेत आदि का पालन-पोषण करना. ऐसे में लोग Husband शब्द को पुरुषवादी मानसिकता का मान रहे हैं. इसी कारण इस शब्द पर इतना बवाल मचा हुआ है.
हुम्म...!
क्या मियां फाकते उड़ गए क्या तुम्हारे..?
मेरे नहीं चच्चा आपके...
को भाई हमारे क्यों... ये आज कल की औरतों को हो क्या रिया हैं...?
ये तो आपको अब घर चल के पता चलेगा
चच्ची जी सलाम
सलाम भाई इन्हे लेने आई हूं...
चच्ची आप बैठिये ना
नहीं भाई आज इनके हसबैंड के फितूर को ठीक कर दूं.. ये घर से दो घंटे पहले दूध लेने निकले थे कहां कहां नहीं ढूंढा इन्हे फिर ख्याल आया के एक बार आपके यहां चल के और देख लूं
तभी मंजू भी चाय और पानी की ट्रे लेकर आ जाती हैं
अरे चच्ची बैठिये ना लीजिये चाय पी लीजिये
मैं तो तंग आ गई हूं इनकी इन हरकतों से.. दिन भर पटियाबाजी.. एक धेले भर का का नहीं होता हैं इनसे नवाब गुजर गए लेकिन उनकी नवाबी इन पे अभी तक बरकरार हैं
चच्ची का गला भर आया था...
पता नहीं अल्ला को क्या मंज़ूर था जो ऐसे मरद के साथ निकाह हुआ हैं मेरा 
तुम्हारे वालिदान ही आए थे मेरी चौखट पे नाक रगढ़ने को मैं नई गया था.
बात को कहीं की कहीं मत घुमाओ... बात शोहर की हो रही थी उस पे बात करों
चच्ची बात हसबेंड पर हो रही थी
हां जोगेन्दर भाई मैं सब सुन रही थी इनके दीमाग में ऐसे ही खुराफ़ाती कीड़े कौधते रहते हैं अपना दीमाग तो खराब करते ही हैं औरों का भी दीमाग और समय बर्बाद करते हैं
लो कल्लो बात.... देश की जनानिया उलजुलूल बातों पे हलकान मचा रई हैं तो वो कुछ नई, हमने जरा क्या उसपे सलाह मशवीरा कर लिया के जनानियों की कौम पे आन पड़ी हैं. तुम क्या जानो..?
वैसे चच्चा चच्ची बिलकुल सही कह रही हैं विदेश की बातें हमारे देश में कैसे हो सकती हैं चच्चा...?
लो कल्लो बात.. बैसेयी हो सकती हैं जुगनू मियां जैसे कमबख्त जींस पेंट जणानियों की हो सकती हैं वैसे ही मर्दों के खिलाफ जणानियां भी हो सकती हैं.
या अल्लाह कैसे शौहर से पाला पड़ा हैं...
सई शौहर से पाला पड़ा हैं शकीरा हमारे मुलक की औरते ही हैं जो अंग्रेजीयत के रंगढंग में जल्दी रच बस जाती हैं.
क्या आपको लगता हैं के मैं अंग्रेजीयत के रंग ढंग में रंग गई हूं
लो कल्लो बात मैंने तुम से ऐसा कब कह दिया जो तुम इत्ता बिगड रई हो... मैं तो अपने मुलक की औरतों के बारे में के रिया हूं
तो क्या तुमने ही सब का ठेका लें लिया हैं..?
अब ऐसाई समझलो
जितनी जान और ज़िन्दगी तुम में बची हैं कम से कम उसे तो सुकून से जी लो..
हम तो ऐसेइ जियेंगे तुमे कोई तकलीफ...?
चच्ची का पारा सातवे आसमान पर हो चुका था चच्ची नें आव देखा ना ताव चार फूटे चच्चा को मेमने की तरह उठा कर घर को निकल पड़ी चच्चा फड़ फड़ाते रहे
तुम घर चलों... तुम्हारा सारा फितूर उतारती हूं तुम इस भपके में मत रेना मरते दम तक तुम्हारा पीछा नहीं छोडूंगी समझे 
अरे जुगुनू मिया बचा लो तुम्हे खुदा का वास्ता
कोई बीच में नहीं आएगा 
चच्ची चच्चा को लेके निकल ली
मैं चुप बैठा देखता ही रहा 
अगर आपके भी दीमाग में हसबैंड को लेकर....
मंजू इतना बोली ही थी के मैं फ़ौरन उठ कर बाथरूम की तरफ चल दिया.

समाप्त
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आओ चमचागिरी सीखें
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देश के सभी ऐसे हुनरमंदो तहे दिल से प्रणाम जो इस गुर में माहिर है.. वे सभी डिग्रीधारी हुनर मंद लोग जो इनके आगे पीछे भी घूमने से कतराते है आदमी जितना हिंसक और जहरीले जानवर से नहीं डरता जितना इन चमचों से डरता है... तो चलिए कुछ गुर आप भी सीख लीजिए शायद कभी काम आ जाए.

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