देश के शहीदों तुमको मेरा सलाम
मिट गए जो देश के खातिर
उनको मेरा सलाम
कर गए जो आजाद देश को
उनको मेरा सलाम
सलाम, सलाम ,सलाम देश के शहीदों तुमको मेरा सलाम
किया जो तुमने काम वो सब कर नहीं सकते
आजादी के लिए मरे तुम ,सब मर नहीं सकते
यह त्याग जो तुमने किया, उसको मेरा सलाम
भारत की बुलंदियों में रहेगा तेरा नाम
रोशन खुदा है जग में, रोशन तेरा हो नाम
हे देश के शहीदों तुम को मेरा सलाम
शत शत नमन करूंगा, तुमको यह वचन दूंगा।
गुलामी ना आने दूंगा देश में ,जब तक रहेगा तन में प्राण लड़ता रहूंगा मैं देश के दुश्मनों से
मरता रहूंगा मैं देश की शान की खातिर
मैंने जो कसम ली इस कसम को सलाम
देश के अमर शहीदों तुमको मेरा सलाम
घुसने नहीं दूंगा सीमा पर, किसी भी घुसपैठिए को निशाना साध कर ऐसा मारूंगा ।
दुश्मन का सीना छलनी कर दूंगा।
सीमा पर जो घुसने आए ,जीवित किसी को ना छोडूंगा ।जान हथेली पर रखकर,हम प्रण आज ये खाते हैं।
आंच नहीं आएगी देश पर,
जब तक हम देश के प्रहरी हैं।
भारतमाता के हम लाडले बेटे
मृत्यु की बलिवेदी पर चढ़ जाएंगे ।
पर शीश कभी ना झुका है। ना किसी के आगे झुकाएंगे
देश के अमर शहीदों, अब तुम हो जाओ शान्त
तुमको रहेगा हमारा सलाम
लेखक अजय कुमार