shabd-logo

Desh bhakti geet desh ko samarpit

26 दिसम्बर 2021

37 बार देखा गया 37

         Desh bhakti geet desh ko samarpit

आज विपत्ति भारत में छाई है

     चीनी साम्राज्यवादी ने भारत पर आंख उठाई है।
अंतिम समय है आज जंग का
  मानो मेरा कहना मानो
  ऐ देश के धर्म अनुयायियों मेरा कहना मानो
आज तुम अपना होश संभालो।
   खतरे में भारत देश पड़ा है।
  बैर भाव अब छोड़ो।
 देश में चीन से जंग छिड़ी है।
article-image

  आपसी कटुता आज मिटा दो

आज मेरे मजहबी भाइयों, अपने भाई से हाथ मिला लो।
वरना भारत की हार हो जाएगी
और देश में फिर से गुलामी छाएगी।
भारत में फिर से कयामत आएगी
कहना मानो मेरा कहना मानो
ऐ देश धर्म के अनुयायियों मेरा कहना मानो
हम एक ही सिक्के के दो पहलू हैं
हम सब हैं आपस में भाई भाई
ऐसा ना हो। कहीं हार हो जाए
मिलकर हमें जंग में लड़ना है
article-image

 चीनी जो अभिमानी है तो

      हमें उसको सबक सिखाना है।
आज मेरे मजहबी भाइयों
      हमें संग संग लड़ने जाना है
  कुछ भी हो जाए हमको
  ये जंग जीत कर आना है।
चीनी जो अन्यायी है तो उसको सबक सिखाना है
 भारत के तिरंगे का विश्व में सम्मान बढ़ाना है।
 हिंदू मुस्लिम, सिख, ईसाई एक साथ अब आओ
 जैन बौद्ध और पारसी आओ
रण में लड़ने का अब तुम पैगाम सुनाओ
अंतिम विजय अब भारत देश को पाना है
article-image

हमारा है। इतिहास पुराना

     हमें इसकी रक्षा का वचन निभाना है
मेरे देश के लोगों मेरा कहना मानो
   तुमको अब आगे आना है।
कोरोनावायरस है व्यापक महामारी
इससे बचने का हर संभव उपाय अपनाना है
 हमें अपना प्यारा भारत देश बचाना है
  हिंद का नाम विश्व में फैलाना है।
  कोरोनावायरस की जंग हमें जीत जाना है।

               लेखक अजय कुमार
मेरी आप लोगों से एक विनम्र प्रार्थना है कि मेरी रचनाओं को अगर कहीं पोस्ट या शेयर करें तो हमारे ब्लॉग का लिंक जरूर दें मैं एक ब्लॉगर हूं अपने ब्लॉग के लिए मैं खुद ही लिखता हूं।
article-image

2
रचनाएँ
कविताएं देश प्रेम की
0.0
मेरी मां, मेरी दुनिया मेरी मां मेरी दुनिया मेरी मां के चरणों में ,सारा ये संसार बसा मां मुझे सब कुछ देने वाली, मेरी मां मेरी विपदा हरने वाली और किसी से क्या मैं मांगू मेरी मां है। सब कुछ देने वाली मां से बढ़कर कौन जगत में मां की तुलना हो नहीं सकती मां ओ मेरी मां, मां से बढ़कर कोई नहीं है। मुझको मां ने जन्म दिया है। मां की गोदी में मैं खेला मां ने ही उंगली पकड़कर मुझको चलना सिखलाया मां को छोड़कर कहां मैं जाऊं मां के बिना इक पल ना रह पाऊं मां तूने हंसना सिखाया तूने ही रोना बतलाया गोदी में मां लेकर तूने ,अपने स्तन का दूध पिलाया तुझे भूल जाऊं मैं मां, कभी ऐसा हो नहीं सकता मां तुझे छोड़कर इस दुनिया में , मैं इक पल जी नहीं सकता मां तू ही धूप है।, मां तू ही छांव है। मां तू मेरे जीवन का मकसद है। मां तेरे चरणों की पूजा, मैं दिन-रात करूंगा ये अपना सारा जीवन ,मां तेरे चरणों में अर्पण कर दूंगा ।दुनिया की सारी खुशियां, तुम पर ही समर्पण कर दूंगा। मैं मिट जाऊं ,मैं मर जाऊं, तो भी तेरा लाल कहाउँगा। एक वादा है।मां मेरा तुमसे तेरे कदमों में सारी खुशियां, मैं लाऊंगा । मां तेरा दामन में अब छोड़ कर, कहीं ना जाऊंगा। तेरी प्रतिष्ठा पर अब आंच ना आने दूंगा। कसम है। मां तेरे बेटे की ,अब मान ना घटने दूंगा कोई मां तुझे आंख दिखाये, वह अपनी जान से जाएगा मां तेरा बेटा अपना वचन निभाएगा। लेखक अजय कुमार comment main jay mata di likhe . Prem se bolo jay mata ki.

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए