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मोहब्बत के कलाम, इश्क प्यार और मोहब्बत

Ajay Kesharwani

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                   Dilwale ki shayari 1. उम्मीद जिन से अभी भी हमारी थी। उन्हें ऐसे कैसे जाने देते जिन्हें प्यार हम अपनी जान से ज्यादा करते थे।     उन्हें अकेली राहों में कैसे छोड़ देते प्रेम का बंधन ही कुछ ऐसा था।     कि उनके बिना दिल कहीं लगता ना था। जिन्हें आंखों में बसाने का ख्वाब देखते थे।                भला उनको आंखों से कैसे ओझल होने देते  2. मैं जानता हूं।    सांसो का रिश्ता है मेरा    ये ऐसे ना टूटेगा। बता तू ही बता, तेरा दामन           मेरे हाथों से कैसे छूटेगा। तुम्हारी आंखों में मैंने              प्यार देखा है। उस प्यार को तुम कैसे झूठ लाओगे।     मेरा प्यार सच्चा है।    जब भी तुम्हें बुलाऊंगा।   तुम मिलने जरूर आओगे।  3. बेवफा मुझे कहती हो।        मेरे दिल में सिर्फ तुम रहती हो।     बताओ किस बात से तुम हो खफा    जो मुझसे दूर दूर रहती हो।    4. तुम नहीं आओगे इसका              मुझको ख्याल है।    तुम अपनी बातों से भी मुकर जाओगे।             इसका भी ऐतबार है।     पर इतना तुमको ध्यान रहे।    मुझे कल भी तुमसे प्यार था।      और आज भी तुमसे प्यार है।  कविता इन हिंदी, शायरी इन हिंदी, पोयम इन हिंदी, दिलवालों की शायरी, ब्रेकअप शायरी,                   लेखक अजय कुमार                                     

mohabbat ke kalam

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