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कविताएं देश प्रेम की

Ajay Kesharwani

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मेरी मां, मेरी दुनिया मेरी मां मेरी दुनिया मेरी मां के चरणों में ,सारा ये संसार बसा मां मुझे सब कुछ देने वाली, मेरी मां मेरी विपदा हरने वाली और किसी से क्या मैं मांगू मेरी मां है। सब कुछ देने वाली मां से बढ़कर कौन जगत में मां की तुलना हो नहीं सकती मां ओ मेरी मां, मां से बढ़कर कोई नहीं है। मुझको मां ने जन्म दिया है। मां की गोदी में मैं खेला मां ने ही उंगली पकड़कर मुझको चलना सिखलाया मां को छोड़कर कहां मैं जाऊं मां के बिना इक पल ना रह पाऊं मां तूने हंसना सिखाया तूने ही रोना बतलाया गोदी में मां लेकर तूने ,अपने स्तन का दूध पिलाया तुझे भूल जाऊं मैं मां, कभी ऐसा हो नहीं सकता मां तुझे छोड़कर इस दुनिया में , मैं इक पल जी नहीं सकता मां तू ही धूप है।, मां तू ही छांव है। मां तू मेरे जीवन का मकसद है। मां तेरे चरणों की पूजा, मैं दिन-रात करूंगा ये अपना सारा जीवन ,मां तेरे चरणों में अर्पण कर दूंगा ।दुनिया की सारी खुशियां, तुम पर ही समर्पण कर दूंगा। मैं मिट जाऊं ,मैं मर जाऊं, तो भी तेरा लाल कहाउँगा। एक वादा है।मां मेरा तुमसे तेरे कदमों में सारी खुशियां, मैं लाऊंगा । मां तेरा दामन में अब छोड़ कर, कहीं ना जाऊंगा। तेरी प्रतिष्ठा पर अब आंच ना आने दूंगा। कसम है। मां तेरे बेटे की ,अब मान ना घटने दूंगा कोई मां तुझे आंख दिखाये, वह अपनी जान से जाएगा मां तेरा बेटा अपना वचन निभाएगा। लेखक अजय कुमार comment main jay mata di likhe . Prem se bolo jay mata ki.  

kavitayen desh prem ki

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