प्रिय रीडर्स,
आज मैं आपको इस लेख के माध्यम से देशी गाय, विदेशी गाय व इनके दूध के बारे में बताऊंगा। यदि आप पूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए पूरी तरह से इस लेख को पढ़ते हैं तो यह आदर्श होगा।
हमारा जीवन भगवान द्वारा दी जाती दिया गया है, हालांकि स्वस्थ या संक्रमित होना, पूरी तरह से हमारी समझ में व हमारे ऊपर निर्भर है। एक बार जब हमारे शरीर को कोई बीमारी लग जाती है, तो यह कभी ठीक नहीं होता है, हालांकि सिर्फ दवाइयों द्वारा इसे नियंत्रित किया जाता है चाहे वह बीपी, डायबिटीज, एलर्जी, घुटने की पीड़ा या अन्य और कोई बीमारी हो। हमारा प्रथम कर्तव्य यह है कि हमें बीमारी लगे ही नही । बीमारी बहुत कारणों से होती है जिनमे से कुछ हमारे द्वारा दैनिक उपयोग में लिए जाने वाले पदार्थो से होती हैं जैसे दूध, दही, घी, मिठाइयाँ इत्यादि पदार्थ। यह सब पदार्थ दूध से ही बनते हैं।
ए 1 व ए 2 दूध की सच्चाई
मुख्य रूप से दूध दो स्रोतों से होता है, एक भैंस और दूसरा गाय है। भैंस का दूध केवल मेहनती लोगों द्वारा पचाया जा सकता है अन्यथा यह आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल वृद्धि कर देता है और कोलेस्ट्रॉल विभिन्न खतरनाक बीमारियों का मूल कारण है, इसलिए हम केवल गाय के दूध का उपयोग कर सकते हैं। गाय के दूध को भी "ए -1" व "ए -2" दो वर्गों में बांटा गया है। "ए -1" दूध विदेशी गाय का दूध है जो स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक है और यह शरीर में विभिन्न ख़तरनाक बीमारियों को जन्म देने में योगदान देता है जैसे - बीपी, शुगर और कैंसर आदि में योगदान देता है। यही वजह से कुछ यूरोपीय देशों में विदेशी गाय के दूध पर रोक लगा दी गई है। इस पर देश-विदेश के वैज्ञानिको द्वारा रिसर्च भी की गई है।
विदेशी गाय, इसका ए 1 दूध और इसका मानव जीवन पर प्रभाव
विदेशी गाय (जर्सी गाय) का आविष्कार यूरस पशु नस्ल द्वारा किया गया था और इस गाय के ऊपर पीठ और "सूर्य केतु नाड़ी" नहीं है जिसकी वजह से इस गाय में औषधिय गुण नही होते हैं, यह एक कारण है जिसकी वजह से बीमारियाँ उत्पन्न होती हैं और दूसरा कारण बीसीएम 7 का इसमें बहुत अधिक पाया जाना है। इस गाय का दूध, जो "ए -1" दूध है जिसके द्वारा और इसके उत्पादों द्वारा उत्पन्न बीमारियों का यह मुख्य कारण है। इसलिए हमें ऐसे दूध और घी छोड़ देना चाहिए यदि हम रोग मुक्त शरीर चाहते हैं। दुर्भाग्यवश, अभी बहुत से लोगों को इसके बारे में पता भी नही है। पिछले कुछ वर्षों में, किसान, गौपालकों ने ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए इस विदेशी गाय को अपना लिया है क्योंकि यह एक दिन में लगभग 30 लीटर दूध देती है, जबकि देशी गाय केवल 8 किलो दूध देती है। अधिकतर लोग खतरनाक स्वास्थ्य परिणामों से चिंतित नहीं है, बल्कि ज्यादा मुनाफा, ज्यादा पैसे पैसे के लिए चिंतित हैं। आप अन्य वेबसाइटों पर भी ए -1 दूध के बारे में विस्तृत रूप से देख व पढ़ सकते हैं और संतुष्ट व स्पष्ट हो सकते हैं।
देशी गाय, ए 2 दूध और इसका मानव जीवन पर प्रभाव
देशी गाय गौमाता होती है क्योंकि इसके पंचगव्य का उपयोग करने से हमारे शरीर में किसी भी प्रकार की बीमारी का कोई भी स्थान नही रहता। देशी गाय के पीठ पर कुब्ब होता है और "सूर्य केतु नाड़ी" भी होती है जिसकी वजह से इस गाय में औषधिय गुण बहुत अधिक होते हैं। देशी गाय का दूध और दूध उत्पाद हमारे लिए वास्तव में लाभदायक होते हैं क्योंकि देशी गाय दूध पूरी तरह से एक भोजन होता है, यह गुड कोलेस्ट्रोल (High-Density Lipoprotein-HDL) से युक्त होता है जो बैड कोलेस्ट्रॉल (Low-Density Lipoprotein-LDL) को रोकता है जिससे हार्ट अटैक व ब्लड प्रेशर जैसी बीमारी नही होती और अनुकूल कोलेस्ट्रॉल बढ़ाता है, यह वास्तविक ऊर्जा देता है और शरीर की वसा को कम करता है। देशी गाय के दूध में कैल्शियम, फास्फोरस, सोडियम, थायमिन, रिबोफ्लेविन, नायसिन, फोलिक एसिड, प्रोटीन और विटामिन प्रचुर मात्रा में होती हैं। इसमें ए 2 बीटा कैसीन प्रोटीन है जो आंखों की दृष्टी में सुधार करता है, यह मोटे व्यक्तियों और बीमार व्यक्तियों के लिए बहुत ही फायदेमंद है। यह कब्ज को हटा देता है, गैस और अम्लता से बचाता है। इस दूध के द्वारा तैयार घी भी हमारे स्वास्थ्य के लिए वास्तव में लाभदायक होता है। देशी गाय के ऊपर देश व विदेश की कई लैबों में टेस्ट करने पर यह प्रमाणित हो चुका है कि देशी गाय के गौमूत्र में सोना होता है और यह कैंसर विरोधी लक्षणों से भरपूर है। यह दूध माँ के दूध के सामान है। यह दूध उसे भी पच जाता है जिसे दूध नही पचता, भूख बढ़ाता है और पेट को हल्का रखता है।
दोस्तों,
अगर आप और हम ज्यादा से ज्यादा देशी गाय का दूध व इससे बने उत्पाद प्रयोग करते हो तो इससे एक फायदा यह भी होगा कि देशी गाय को किसान, गौपालक अधिक से अधिक पालने के लिए अपने पास रखेंगे जिससे यह कत्लखाने में जाने से बच जाएगी और इससे इसे मरने से बचाने के लिए आप और हम सभी को पुण्य की प्राप्ति होगी। देशी गाय नारे लगाने या इसके लिए बस सहानुभूति दर्शाने या जय गौमाता बोलने से नही बचेगी बल्कि इसके दूध और पंचगव्य द्वारा निर्मित पदार्थों के प्रयोग करने से धर्म और पुण्य मिलेगा।
आपका इस लेख को पढ़ने के लिए धन्यवाद! यदि आपको मेरा यह लेख पसंद आया हो तो इसे लाइक, कमेंट और शेयर जरुर कीजिये जिससे अधिक से अधिक लोग इस बारे में जान सकें
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