जो लफ़्ज़ों से होती नहीं बयान
उन्हें आँखे जाती हैंआंखो से नहीं पद्सकें
तो मेरी खामोशी को पहचान लोदिल से दिल तक बात पहुंचाने के बहुत रास्ते हैं
बस सुनने और समझने की ही देरी हैं
25 अगस्त 2019
जो लफ़्ज़ों से होती नहीं बयान
उन्हें आँखे जाती हैंआंखो से नहीं पद्सकें
तो मेरी खामोशी को पहचान लोदिल से दिल तक बात पहुंचाने के बहुत रास्ते हैं
बस सुनने और समझने की ही देरी हैं