ना खुल जाए राज, हमको हमसफ़र बनाया है,
छिपाने बेवफाई अपनी यूँ हमसे दिल लगाया है.
खूबसूरत है जो वो क्योंकर न बेवफा न होंगे,
हो दुनियां दीवानी जिनकी वो ही तो बेवफा होंगे.
होते हम भी खूबसूरत तो शायद बेवफा होते,
बदसूरती ने ही हमको वफ़ा करना सीखाया है.
है बिगड़े मिज़ाज़ उनके, और आँखे कातिल है,
देख हमको यूँ मुस्कुराना लगे बुझे तीर जैसा है.
लबों से पिलाया जाम और बेहोश कर दिया,
गर्म सांसों ने उनकी हमें यूँ मज़बूर कर दिया.
जानकार भी कि वो एक बेवफा ही तो है,
फिर भी अपना दिल उनके हवाले कर दिया. (आलिम)