सत्त्वगुण का कार्यरूप प्रकाश, रजोगुण का कार्यरूप प्रवृत्ति तथा तमोगुण का कार्यरूप मोह है . इनके प्रवृत्त होने से जो त्रास न पाए और न ही निवृत्त होने पर इनकी इच्छा करे वही व्यक्ति गुणातीत कहलाता है . (14-22)
He does not dislike light or activity or delusion; when they cease to exist he does not desire them.